
रीठा/रिठ/रीठू
लेखक: शम्भू नौटियाल
प्रकृति ने सब कुछ हमारी जरूरत के अनुसार ही बनाया है। लेकिन आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम अपनी पुरातन सभ्यता को भूलते जा रहे हैं। ऐसे ही एक जड़ी बूटी व (soap nut) वृक्ष है रीठा। जो लगभग हर जगह पाया जाता है।
इसकी दो जातियाँ होती हैं। पहली सापिडंस मुक्रोसी (Sapindus mukorossi) और दूसरी सापिंडस ट्राइफोलियाट्स (Sapindus trifoliatus)। इसमें सापिडंस मुक्रोसी (Sapindus mukorossi) के जंगली पेड़ हिमालय के क्षेत्र में अधिक पाये जाते जाते हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर भारत व आसाम में भी इसके पेड़ मिलते हैं। जबकी सापिंडस ट्राइफोलियाट्स (Sapindus trifoliatus) दक्षिण भारत में मिलता है। इसका पेड़ लगभग 15 मीटर तक ऊँचा व 150 सेमी परिधि में फैला होता है। इसके पत्ते 15-30 सेमी तक लम्बे होते हैं तथा फूल सफेद रगं के होते हैं। इसके फल कच्ची अवस्था में रोमयुक्त व सूखने पर काले-भूरे रंग के सिकुड़नयुक्त होते हैं। इसके फल में सैपोनिन, शर्करा और पेक्टिन जो कफनाशक होता है। इसके बीज में 30 प्रतिशत वसा होती है जिसका उपयोग साबुन व शैम्पू बनाने में होता है। इसके फलों को पानी में भिगोने और मथने से फेन उत्पन्न होता है और इससे सूती, ऊनी तथा रेशमी सब प्रकार के कपड़े तथा बाल धोए जा सकते हैं।

आयुर्वेद के मत में यह फल त्रिदोषनाशक, गरम, भारी, गर्भपातक, वमनकारक, गर्भाशय को निश्चेष्ट करनेवाला तथा अनेक विषों का प्रभाव नष्ट करेनवाला है। संभवत: वमनकारक होने कारण ही यह विषनाशक भी है। वमन के लिए इसकी मात्रा दो से चार माशे तक बताई जाती है। फल के चूर्ण के गाढ़े घोल की बूंदोंको नाक में डालने से अधकपारी, मिर्गी और वातोन्माद में लाभ होना बताया गया है। रीठा के पेड़ से कीड़े-मकोड़े और सांप एवं चूहे दूर रहते हैं, इसलिए धान की खेती करने वाले अपने खेतों में रीठा लगाते हैं ताकि उनकी फसल चूहों से बची रहे। साथ ही रीठा में मौजूद एंटी-वेनम से सांप या बिच्छू के काटे का जहर उतारा जा सकता है।

रीठा (Sapindus Mukorossi) का पेड़ साधारण होने के साथ अनेक गुणों से भरा होता है। साबुनों की अपेक्षा रीठा ज्यादा लाभ दायक होता है. शैम्पू की जगह रीठा (Sapindus Mukorossi) बालों के लिए ज्यादा श्रेष्ठ होता है।

रीठे के फायदे:-
- रीठा के पानी से बाल धोने से बाल स्वस्थ और घने एवं चमकीले होते हैं,इसमें नेचुरल क्लींजिंग एजेंट हैं जो स्किन को हानि नहीं पहुंचाते।
- रीठा से कपड़े, गहने और एंटीक आइटम्स भी साफ किये जा सकते हैं।
- इससे बालों की जूंए भी खत्म होती है और कोई नुक्सान नहीं होता।
- रीठा को आंवला पाउडर की ही तरह बाल और शरीर साफ़ करने के काम में लिया जा सकता है। इससे बाल बढ़ते हैं और डैंड्रफ खत्म होती है।
- रीठा के फल की मज्जा (फल के बीच का भाग) को तम्बाकू की तरह हुक्के में रखकर पीने से बिच्छू का जहर खत्म हो जाता है।
- रीठे के फल को पानी में पकाकर, थोड़ी मात्रा में लेने से उल्टी के द्वारा जहर बाहर निकल जाता है।
- रीठे की गिरी को सिरके में पीसकर विषैले कीटों (कीड़ों) के काटने के स्थान पर लगाने से राहत मिलती है।

श्री शम्भू नौटियाल जी के फेसबुक पोस्ट से साभार
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