सुनिए सुर-सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी जी के सुमधुर गीत
सुनें, गोपाल बाबू गोस्वामी जी का लोकप्रिय गीत "हाई तेरि रुमाला, गुलाबी मुखड़ी"गोपाल बाबू गोस्वामी जी कुछ उन गिने चुने गायकों में शामिल हैं जिनकी पहचान ऊंचे पिच की वोईस क्वालिटी के लिए होती है। गोस्वामी जी के गीतों के बारे में जानने के क्रम में हम गोस्वामी जी के एक प्रसिद्ध और बड़े सुरीले गीत के बारे में जानेंगे। इस बार हम गोपाल बाबू गोस्वामी जी के स्वर में उनका लोकप्रिय गीत "हाई तेरि रुमाला, गुलाबी मुखड़ी...." सुनेंगे। यह एक श्रृंगार रस से भरपूर कुमाऊँनी गीत है जिसमें प्रेमी अपनी प्रेमिका के सौंदर्य का अलग अलग अंदाज से वर्णन कर रहा है।
हाई तेरि रूमाला, गुलाबी मुखड़ी
के भलि छाजि रै, नाखै की नथूल
हाई तेरि रूमाला.......
हाई तेरि रूमाला.......
तेरि, के भलि छाजि रै, नाखै की नथूली
गवै गलोबंदा, हाथों की धागुली
चम् चम चमकि रै, कपाई बिनदूली
हाई तेरी रूमाला,....................
हाई तेरि रूमाला, गुलाबी मुखड़ी
के भलि छाजि रै, नाखै की नथूली
हाई तेरि रूमाला.......
हाई तेरि रूमाला.......
सनीलै घाघरि, मखमलि आँग्ड़ी
के भलि छाजि रै, रंगिली पिछौड़ी<
हाई तेरी रूमाला...................
हाई तेरि रूमाला, गुलाबी मुखड़ी
के भलि छाजि रै, नाखै की नथूली
हाई तेरि रूमाला.......
हाई तेरि रूमाला.......
तेरि गावै जंजीरा, हाथों में पौंजिया
छन-छन छ्णकनि, हाथों में चूडियाँ
त्यर, छन-छन छ्णकनि, कलाई चूडियाँ
हाई तेरि रूमाला, गुलाबी मुखड़ी
के भलि छाजि रै, नाखै की नथूली
हाई तेरि रूमाला.......
हाई तेरि रूमाला.......
(गीत के बोल लिखित रूप मेंउपलब्ध नही हैं गीत को सुनकर जो प्रतीत हुआ लिखे गये हैं, गाते हुये गायक द्वारा लाईनों की आवृत्ति भिन्न हैं यहां केवल पंक्तियां एक बार दे दी गयी हैं)
के भलि छाजि रै, नाखै की नथूल
हाई तेरि रूमाला.......
हाई तेरि रूमाला.......
तेरि, के भलि छाजि रै, नाखै की नथूली
गवै गलोबंदा, हाथों की धागुली
चम् चम चमकि रै, कपाई बिनदूली
हाई तेरी रूमाला,....................
हाई तेरि रूमाला, गुलाबी मुखड़ी
के भलि छाजि रै, नाखै की नथूली
हाई तेरि रूमाला.......
हाई तेरि रूमाला.......
सनीलै घाघरि, मखमलि आँग्ड़ी
के भलि छाजि रै, रंगिली पिछौड़ी<
हाई तेरी रूमाला...................
हाई तेरि रूमाला, गुलाबी मुखड़ी
के भलि छाजि रै, नाखै की नथूली
हाई तेरि रूमाला.......
हाई तेरि रूमाला.......
तेरि गावै जंजीरा, हाथों में पौंजिया
छन-छन छ्णकनि, हाथों में चूडियाँ
त्यर, छन-छन छ्णकनि, कलाई चूडियाँ
हाई तेरि रूमाला, गुलाबी मुखड़ी
के भलि छाजि रै, नाखै की नथूली
हाई तेरि रूमाला.......
हाई तेरि रूमाला.......
(गीत के बोल लिखित रूप मेंउपलब्ध नही हैं गीत को सुनकर जो प्रतीत हुआ लिखे गये हैं, गाते हुये गायक द्वारा लाईनों की आवृत्ति भिन्न हैं यहां केवल पंक्तियां एक बार दे दी गयी हैं)
कृपया सुनिये स्वयं गोपाल बाबू गोस्वामी जी के स्वर में यह गीत:-
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