
कुमाऊँनी कवि व्यंग्यकार शेर सिंह बिष्ट - शेरदा अनपढ़
कुमाऊँनी भाषा के जाने-माने कवि तथा व्यंग्यकार शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ के नाम से कुमाऊँ में हर कोई परिचित हैं। उनका बाल्यकाल गम्भीर अभावों के साथ परन्तु रोमांचक और सन्घर्ष भरा रहा है। जैसा कि शेरदा स्वयं बताते हैं वह कभी स्कूल नहीं गये, पर बड़े-बड़े बुद्धिजीवी भी उनकी कविता की सादगी, गांभीर्य और हास्य के साथ तीखे व्यंग्य को देखकर हतप्रभ रह जाते हैं। शेरदा ने अपनी मस्ती में पहाड़ और पहाड़ी को लेकर रचनाकर्म किया है। जिसमें विविधता के साथ-साथ समाज के प्रति सटीक संदेश होता है जिसे सुनकर कोई भी उनके काव्य की प्रशंसा किये बगैर नहीं रह सकता।
उनके काव्य की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उनकी वह इतनी सरल और जीवंत होता है कि एक आम कुमाऊँनी उससे अपने आप को अलग नहीं कर पाता। शेरदा की रचनाओं से विजिटर्स को परिचित कराने के उद्देश्य से नीचे स्लाइडर पर हम वेबसाइट पर प्रस्तुत शेरदा "अनपढ़" के गीतों के लिंक्स स दे रहे है, सम्बंधित फोटो लिंक्स पर जाकर आप गीत के बोल और गीत की ऑडियो सुन सकते हैं:-
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