सुनिए सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी जी के सुमधुर गीत
सुनें, गोपाल बाबू गोस्वामी जी का लोकप्रिय गीत "लुकि छिपी बादवां में....... "गोपाल बाबू गोस्वामी जी कुछ उन गिने चुने गायकों में शामिल हैं जिनकी पहचान ऊंचे पिच की वोईस क्वालिटी के लिए होती है। गोस्वामी जी के गीतों के बारे में जानने के क्रम में हम गोस्वामी जी के एक कम प्रसिद्ध और बड़े सुरीले गीत के बारे में जानेंगे। आज २ फ़रवरी है और आज गोपाल बाबू गोस्वामी जी का जन्म दिन भी है, इस अवसर पर हम गोस्वामी जी के कुमाऊँनी भाषा-सन्स्कृति में योगदान को याद करते हुये गोस्वामी जी के स्वर में उनका लोकप्रिय गीत "लुकि छिपी बादवां में, चमकी जैसि जून...." सुनेंगे। यह गीत आपको पूर्वांचल की प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा के गीत की याद जरूर दिलाएगा यह एक श्रृंगार रस से भरपूर कुमाऊँनी गीत है जिसमें प्रेमी अपनी प्रेमिका के सौंदर्य का अलग अलग अंदाज से वर्णन कर रहा है।
लुकि छिपी बादवां में चमकी जैसि जून तेरो मुख चमको-२
तेरा रसीला होंठो बे आज मौ जै टपको-२
लुकि छिपी बादवां में चमकी जैसि जून तेरो मुख चमको
तेरा रसीला होंठो बे आज मौ जै टपको-२
तेरी कौंलि उमर हाय गोरि,
काटि खैं छ आँखि सुरम्याई
तेरी कौंलि उमर हाय गोरि,
काटि खैं छ आँखि सुरम्याई
छन-छना छणकि रई,
हाथो का चूड़िया, तेरो दिल धड्क
तेरा रसीला होंठो बे आज मौ जै टपको-२
बड़ी भोलि बड़ी-बड़ी प्यारी,
तेरि हाय रे कमर पतई
तेरी भोलि आंखि प्यारी प्यारी,
तेरि हाय रे कमर पतई
लटकि-मटकि हिटण तेरो
लटकि-मटकि हिटण तेरो,
लचकि रे कमर तेरो, आज मन धड्को
तेरा रसीला होंठो बे आज मौ जै टपको-२
फूली रैछै फूलों कै सि डाई
लुकि रैछै अनारै कि फाँगि
फूली रैछै बुरुषे कै सि डाई
लुकि रैछै अनारै कि फाँगि
सुनौ जैसो गात तेरो
सुनो जैसो गात तेरो
सुनो कैसि नाक तेरि, हाय मैं मरि जौं
तेरा रसीला होंठो बे आज मौ जै टपको-३
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