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(लेखक: जगमोहन साह)
(लेखक: जगमोहन साह)
कुमाऊं क्षेत्र में आड़ू की बहार आई हुई है यहां का आडू महानगरों में काफी पसंद किया जा रहा है, इससे यहां के काश्तकारों को अच्छे दाम मिलने लगे हैं। यह काफी हद तक सेब जैसा दिखता है लेकिन इसका बाहरी पीला रंग और इसके अन्दर के कठोर बीज इसे सेब से बिल्कुल अलग कर देते हैं। इसका रंग भूरा और लालीमा लिए पीला होता है। आड़ू स्वाद में मीठा और हल्का खटटा एवं रसीला फल है।
आडू़ पौष्टिक तत्वों से युक्त आड़ू में जल की प्रचुर मात्रा होती है। आड़ू में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं जो शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। इसमें लौह तत्व और पोटैशियम अधिक मात्रा में होता है। विटामिन ए, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, फोलेट, तत्व होते हैं। इसके अलावा आड़ू में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं। जैसे विटामिन सी, केरेटोनोइड्स, बाइलेवोनोइड्स और फाइटोकैमिकल्स, जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं।
आडू खाने के फायदे, इसमें बहुत ही कम कैलोरी पाई जाती है, इसलिए अगर आप इसे नाश्ते में खाते हैं तो लंच टाइम तक आपको और कुछ खाने की जरूरत नहीं होती। इस तरह यह वजन को कंट्रोल करने में सहायक है। इसमें विटामिन-सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है।
यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। इसमें पाया जाने वाला पोटैशियम, आपके किडनी के लिए बहुत फायदेमंद है। यह आपके यूरिनरी ब्लैडर के लिए क्लेजिंग एजेंट की तरह काम करता है जिससे यह हमें किडनी से जुड़ी बीमारियों से दूर रखता है। आंखों को स्वस्थ्य व विजन पॉवर बढ़ाने के लिए इसका सेवन करना फायदेमंद रहता है। आड़ू में पाये जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट आपको कैंसर से तो बचाते ही हैं, साथ ही कुछ अध्ययनों में यह बात पता चली है कि ये कीमोथेरेपी के साइड इफ़ेक्ट से बचने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
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