
हिसालू (Golden Himalayan Raspberry)
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(लेखक: जगमोहन साह)
(लेखक: जगमोहन साह)
“हिसालू”, उत्तराखंड का अद्वितीय और बहुत स्वादिष्ट फल है। यह जेठ-असाड़ महीने में पहाड़ की रूखी-सूखी धरती पर छोटी कांटेदार झाड़ियों में उगने वाला एक जंगली रसदार फल है।
उत्तराखंड अनेक प्राकृतिक जडी-बूटियों एवं औषधीय गुणों से युक्त फलों से भरा पडा है, ये जड़ी-बूटियाँ एवं औषधीय पौधे अपने कई ऐसे गुणों को समेटे हैं, जिनमें से एक है “हिसालू”। इसमें खट्टा और मीठे स्वाद होता है। यह फल इतना कोमल होता है कि हाथ में पकडते ही टूट जाता है एवम् जीभ में रखो तो पिघलने लगता है।
हिसालू अद्भुत गुणों से युक्त है इसका लेटिन नाम Rubus elipticus है। इन फलों में एंटी ऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा होने की वजह से यह फल शरीर के लिए काफी गुणकारी माना जाता है। इसके जड़ से प्राप्त रस का प्रयोग करने से पेट सम्बंधित बीमारियों दूर हो जाती है। इसके फलों से प्राप्त रस का प्रयोग बुखार, पेट दर्द, खांसी एवं गले के दर्द में बड़ा ही फायदेमंद होता है।
हिसालू फल के नियमित उपयोग से किडनी-टोनिक के रूप में भी किया जाता है।
(प्रस्तुति: जगमोहन साह, बी ब्लाक, सेक्टर 62 नोएडा)
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