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मुबैल और नैट क जाव


मुबाईल और नैट  क जाव
(रचनाकार देवेन्द्र सती)
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हिन्दू नव वर्ष
आहा  जमान  भूल गी हमार रीत******

अंग्रेजी नव वर्ष उण  मे द्वी  महैण पैली
आपु आपु हू रोज नई नई   शुभकामनॉ संदेश भेजी करनी
पत्त  ना य हिन्दू नव वर्ष कै कसी भूलि  जनि
नई नई प्रकार ल आपु आपुहू शुभकामनॉ  दिनी

हटो  ना पिछाडी  लगावो  ना दौड

शुभकामनॉ  दिहू  आब त लाग ली  हौड़
याद ज दिवै हैली🙏🏻
विक्रमी संवत् २०७६ हिन्दू नव वर्ष क भौतिक भौत  हार्दिक शुभकामना छु आपु सबै कै
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पैली  बटी  रत्ति उठते ही ईज  बोज्यू क खुटा  पडछी

आब ऑख खुलते ही मुबाईल दैखनी

खाण खान्ता  ले मुबैल  मे इतु  बिजी  है रुनी 
र् वाट साग  म  ना पाणिम  डोबि  बै  खै  जनि

पैली  बै  याददाश्त ले तेज हूछी
आब सबै मुबैलम सेव करण पडनी

करछा क्यै  दिनों दिन मुबैलैकि रैम बढती जारे 
ए दूहरैहू राम राम घटती जारे

गुल्ली डंडा कबड्डी खो खो बाघ जा विलुप्त हैगि
टेम्पल रन पॉकेमॉन पब जी जास गेम ऐ गी

गेम खेलणम इतु  मस्त हैगि
पॉकेमॉन ढुडन ढुडने आपूई हरैगी
जैनूके  गुगल दय्पत ले नी ढुड  सकनी

यई मुबैललै मैसुक  हातै  घडी छीनी
कतुवाकि कूड  बाडी छीनी

य मुबलल नीन  हराम कर हैली

आब क्वे  कुरो  चैटिंग छोडों
क्वै कुरो  फ्यास  बुक छोडों

जब ज्यादें  परशान  होला ने त फिर कोला मुबल  छोडों

मुखड चाहे स्मार्टनेस नी हल

मुबल  स्मार्ट चैल

 
कविता: देव सती, 
चौबटियक थोड़ तलि बटि,पपनैपुरी पाखुडा़

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