
--:हमर जेठबौज्यू (ताऊजी):--
जेठबौज्यू बड़बाज्यू है लंब भाय, काम करूण में द्वि हाथ अघिन रुणी वाल म्यार जेठबौज्यू 'कोट पैंट' या 'कुर्त पैजामा' में छाजि रुंछी। ख्वारैक टोपिकं कभै कभै तिरछी करनेर भाय। बड़बाज्यू थैं 'होय बाबू'कै बेर आपण मनेक करि दिनेर भ्या।
म्यार बाबू कं 'होय भुलि तु चुप्प रौ' कै बेर चणै (चुप) दिनेर भाय।
शुणौ नानतिनौ, ब्वारियौं कै बेर सबन कं याक लगै राख नेर भाय।
होलिन में घर है भ्यार रुनेर मुख्य होल्यार भाय हो।
गीद, नाच तब्ल, हरमोनियम सबै बजै ल्हिनेर वाल म्यार जेठबाज्यू पुर गौक और पांच गौंक शान और जान
आब हमार पुर्ख बणि बेर फोटो में पुज गेयीं हो।
सब नानतिन कं आण'(पहेलियां) सिखूणी हमर इज बाबू कं स्नेह दिणी आब न्हांतिन हो दिवार में टांगि गेईं हो।
पुर परिवार हमौर आब खचबचि(तितर-बितर) गो क्वे यां क्वे वां।
उ रौनकी(रौनक) उ उछाह(उत्साह)आब कां गो हो हम आब कत्थप और क्याप है बैर एकली (अकेले) गेयां।
मैं और म्यार ठुल भाय थैं 'यार ज्वान' कै पुठ पन थाप मारणी हमर जेठ बाज्यू लै परलोकवासी है ग्यानहो, के धान (युक्ति, उपाय) करूंहो?
आब हम जतु लै बचि रैंया बचिं रैयी चैनी और वि निश्वास और नरै मकं नि हुनि बर्दाश्त हो।।
सुनिए संस्मरण अरुण प्रभा पंत जी के स्वर में
अगर आप कुमाउँनी भाषा के प्रेमी हैं तो अरुण प्रभा पंत के यु-ट्यूब चैनल को सब्सक्राईब करें
0 टिप्पणियाँ