
कुमाऊँ के परगने- चंद राजाओं के शासन काल में
"कुमाऊँ का इतिहास" लेखक-बद्रीदत्त पाण्डे के अनुसारकुमाऊँ के परगनों का प्राचीन व अर्वाचीन इतिहास
कुमाऊँ के परगनों का जिक्र कुमाऊँ के इतिहास में आया है। इससे उनका थोड़ा-सा प्राचीन व अर्वाचीन ऐतिहासिक व भौगोलिक वर्णन देना आवश्यकीय है, ताकि इतिहास को समझने में मदद मिले। इस पुस्तक में जिन पट्टियों व परगनों का ज़िक्र आया है, वे चंद-राजाओं के समय की है। अँगरेजों के समय का इतिहास बाद को यत्र-तत्र संक्षेप में जोड़ा गया है।
बद्रीदत्त पाण्डे जी द्वारा लिखित "कुमाऊँ का इतिहास" में कुमाऊँ के निम्न चंद-राजाओं के समय के परगनों का विवरण दिया गया है:-
०१- बारामंडल - वर्तमान में जिला अल्मोड़ा में
०२- फल्दाकोट - वर्तमान में जिला अल्मोड़ा में
०३- धनियांकोट - वर्तमान में जिला अल्मोड़ा में
०४- पाली-पछाऊं - वर्तमान में जिला अल्मोड़ा में
०५- चौगर्खा - वर्तमान में जिला बागेश्वर में
०६- दानपुर - वर्तमान में जिला बागेश्वर में
०७- कत्यूर - वर्तमान में जिला बागेश्वर में
०८- काली कुमाऊँ - वर्तमान में जिला चम्पावत में
०९- ध्यानीरौ - वर्तमान में जिला चम्पावत और नैनीताल में
१०- चौभैंसी - वर्तमान में जिला चम्पावत और नैनीताल में
११- कोटोली - वर्तमान में जिला नैनीताल में
१२- कोटा भावर - वर्तमान में जिला नैनीताल में
१३- छखाता - वर्तमान में जिला नैनीताल में
१४- रामगाड़-आगर - वर्तमान में जिला नैनीताल में
१५- महरूड़ी - वर्तमान में जिला नैनीताल और अल्मोड़ा में
१६- तराई-भावर - वर्तमान में जिला नैनीताल और उधमसिंह नगर में
१७- अस्कोट - वर्तमान में जिला पिथौरागढ़ में
१८- गंगोली - वर्तमान में जिला पिथौरागढ़ में
१९ - जोहार - वर्तमान में जिला पिथौरागढ़ में
२० - दारमा - वर्तमान में जिला पिथौरागढ़ में
२१ - सीरा - वर्तमान में जिला पिथौरागढ़ में
२२ - सोर - वर्तमान में जिला पिथौरागढ़ में
२३- तराई - वर्तमान में जिला उधमसिंह नगर में
कुमाऊँ के ब्रिटिशकालीन पट्टियाँ व परगने
तदोपरांत "कुमाऊँ का इतिहास" में ब्रिटिशकालीन कुमाऊँ के निम्न १६ परगनों और उनकी पट्टियों का विवरण दिया गया है:-
>अल्मोड़ा बुक डिपो, अल्मोड़ा, ईमेल - almorabookdepot@gmail.com
वेबसाइट - www.almorabookdepot.com
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