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हीरा सिंह राणा जी, प्रसिद्ध कुमाऊँनी गायक-३

हीरा सिंह राणा जी का लोकप्रिय गीत "रंगीली बिंदी घागरी काई....", listen famous kumaoni song "Rangili Bindi..." by Hira Singh Rana

हीरा सिंह राणा जी, प्रसिद्ध कुमाऊँनी गायक

(हीरा सिंह राणा जी का लोकप्रिय गीत "रंगीली बिंदी घागरी काई....")


हीरा सिंह राणा जी गायक, संगीतकार होने के साथ-साथ ही सफ़ल रचनाकार भी हैं, उनके गाये लगभग सभी गीत स्वरचित हैं।  जैसा कि राणा जी ने बताया है कि उनका गानों का सफर राम लीलाओं से वह लगभग 1957  के लगभग से  शुरु हो गया था और वह तब से लगातार विभिन्न मंचो पर गा रहे हैं।  उस तरह से हालांकि उन्होंने काफ़ी कम गीत गाये हैं लेकिन लोकप्रियता में कुमाऊँनी में उनके गीतों का कोई जबाब नहीं है।  राणा जी के जो भी एल्बम रिलीज हुई हैं उनमें से उनका "रंगली बिंदी" एल्बम अब तक का सबसे हिट रहा है।  गीतों के अलावा भी राणा जी ने लिखा है, पहाड़ के दर्द को प्रस्तुत करती उनकी कुछ पंक्तियां नीचे देखिये:-

त्यर पहाड़ म्यर पहाड़, होय दु:खो को ड्योर पहाड़
बुजुर्गो लै जोड़ पहाड़, राजनीति लै तोड़ पहाड़
ठेक्दारो लै फोड़ पहाड़, नान्तिनो लै छोड़ पहाड़
ग्वाव नै गुसाई घ्येर नै बाड़, त्यर पहाड़ म्यर पहाड़, 

सब ल्हे गयी सहरो में, ठुला छ्वटा नगरो में
पेट पाँवनो चक्करों में, किराव दिनि कमरों में
बांज कुड़ों में जम गो झाड़,  त्यर पहाड़ म्यर पहाड़......... 

क्येकि तरक्कि क्येक विकास,  हर आँखों में आंसै आंस
जे. ई. कै जा बी कै पास, ऐ.ई. मारू पैसों गाज
अटैचियों में भर पहाड़, त्यर पहाड़ म्यर पहाड़............... 

राणाजी के गाये सभी गीत तो वैसे तो बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन  "रंगीलि बिंदी" उनका शायद सबसे पुराना और प्रसिद्ध गीत है।  इस्स गीत की लोकप्रियता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि टी-सीरीज द्वारा इसके डब्ड वर्जन, जो राणा जी की आवाज में नहीं किसी अन्य गायक अजय ढौंडियाल ने गाया है, के यु-ट्युब विडियो को अब तक २ मिलियन से ज्यादा लोगों ने देखा है।  प्रस्तुत हैं इस लोकप्रिय एल्बम से शीर्षक गीत के बोल:-
हे माछि लै फटका मारो....
यौ बलुआ रेत मा ...........
ओह हौशिया छाजी रै, यो हरिया खेत मा.......

रंगीलि बिंदी घागर काई
धोती लाल किनर वाई
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता.............

कि मुखि प्योंलि फुलै वाई, 
यों आंखम, काई फ़ेरिया स्याई 
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता............

एक हाति दातुली छौ, एक हाथ ऎना
नौ पाटि घाघरि परा, रेशमिया चैना
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता............

रंगीली बिंदी घागर काई
धोती लाल किनार वाई
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता............

नाखम झर्तार नथूलि, गालड़ि मा डोरा
झमकानै पाजेब का, ओ मेरि चकोरा
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता............

पैर चर्यो पैर चुड़ि, पैर धगा पौंजा
रंगव पराणि पर, लै रौ हौलौ रौंझा
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता............

रंगीली बिंदी घागर काई
धोती लाल किनार वाई
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता............

मून्गै कि माव पैर हो वेलि, नौ पलि जंजीरा
हिट हिरै कि पर लगानै, प्रीति को अबीरा
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता............

रंगीली बिंदी घागर काई
धोती लाल किनार वाई
आय हाय, हाई रे मिजाता, होय-होय, होई रे मिजाता............

तू टसरा फुन्द लगा, काई धमेली परा
लचक कसै हिट दे भागि, टूट पड़ौ बजारा
हाई हाई रे मिजाता, होय होय रे मिजाता.................

रंगीली बिंदी घागर काई
धोती लाल किनार वाई
हाई हाई रे मिजाता, होय होय रे मिजाता ...............

(गीत के बोल लिखित रूप मेंउपलब्ध  नही हैं गीत को सुनकर जो प्रतीत हुआ लिखे गये हैं, गाते हुये गायक द्वारा लाईनों की आवृत्ति भिन्न हैं यहां केवल पंक्तियां एक बार दे दी गयी हैं)

पिछ्ला भाग-२ ) हीरा सिंह राणा जी के जीवन और गीत संगीत के बारे में आगे भी जानेंगे (कृमशः भाग-४ )

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