लेखक: भुवन चन्द्र पांडे
कुमाऊँ में क्षत्रि व राजपूत वर्ग
सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी राजपूतनक बार में पैली पोस्ट कर हैलो अाब अन्य राजपूत।-
बोरा- बोरारौक बोरा और कैड़ारौ के कैड़ा कोई कोई आपुकूं बिष्ट मध्यै बतूनी। इनैरि गोत्र और शाखा बिष्टनैक जे छू। यौं कूनी कि इनौर मूलपुरुष दानुकुमार या कुम्भकर्ण कोटालगढ़ में रूंछी। राजा कीर्तिचंद कैं कत्यूरी राजानकै दबूंण में यैल भौत मदम करि, ज्यैक लिजी यौकैं देवीधूरा बटि कोशी तक मुल्क जागीर में मिली। बौरारौ पट्टी इनूलै बसाई।
नैनीतालाक नथुवाखानाक थोकदार आपुंण कैं बोहरा लिखनी भाय ऊं लै बोरा। गंगोली और अन्य क्षेत्र मे कुछ बोरा भांगौ रेश नाक कुथाव बड़ूनी यै कुथैई बोरा कईजानी, यौं आपुंण कैं पंजाब कांगड़ा बटि आई वोहरा वंशज बतूनी। यौ पैली अस्पृश्य मानी जांछी पर कालान्तर मे भौत परिवर्तन है गैईं।
कैड़ा- यौ सोग कैड़ारौ में रूनी, कृष्ण गोत्री भाय। यौ लै बोरा जैसै भाय। पर आपुंकैं महरा व मेरों जैसे चौहान कूनी। बोरा लोगन नै बोरारौ आवाद करौ कैड़ा लोगन कैड़ारौ आवाद कर। यौ काली कुमाऊँक ध्यानीरौ में लै रूनी। यौ आपुंकै जीतराजौक वंशज कूनी पर अटकिंसन यनुकैं खस-राजपूत बतूनी।
बसेड़ा- यौ कौमाक राजपूतनैल पूरब बै अबेर सीरा क रैका राज कैं जीतौ और तीन पुस्त तक राज्य करौ । बाद मे रैका राजैल बसेड़ा कैं हरे बेर आपुंड़ राज्य वापस कायम करौ । बसेड़ाक सन्तान सोर और, सीरा मे रूंछी अब कई जागन मे माइग्रेट हैगेईं।
रावत- यौ काली कुमाऊँक पुराण वाशिन्द छन। राजा सोमचन्द जब काली कुमाऊँ क राज भई श्रीबीर सिंह राजपूत जो सोमचन्दैक दगाड़ आईभाइ लै दौणकोटौक राज कैं जिति बेर चन्द राज्य मे मिलै दे। इनैर संतान तब बटि पट्टी चारआल, सल्ली गांव और गुमदेश में रूणै। कालान्तर में इथकै उथकै लै विस्थापित है गेई। अटकिंसन लै इनुकूं खस- किरात लिख राखौ और कोई अन्य लेखक खस- राजपूत लिखणीं।
खाती- यौ लोग फल्दाकोट मे राज करंछी, राजा कीर्तिचन्दैल खाती राजौक राज्य छिन ल्है। सिलौर और अन्य जागन में रूंण भग्याय। यौ आपंण कै सूर्य वंशी राजपूत कूनी।
पंचपुर्वीया- यौ पांच जाति पंचपूर्विया कई जानी, इनूकूं राजा रतन चंद आपंण दगाड़ डोटी बै ल्याई।
देउपा- मौजे रोवा गरखा पस्पा बटि ।
सोराड़ी- मौजे संगोड़ सोराड़ी तल्ली मल्ली बटि।
पुरूच़ा- मौजे रुंदाकोट गरखा पुरचूड़ी बटि।
चिराल- मौजै छवटी चिराल बटि।
पड़ेरू- मौजै गरखा पड़ेरू बटि यनुकूं यां ल्यै बेर बसाय और जागीर दी, चन्द राजानक दगाड़ इनार रिस्ता-नाता हुंछी।
चिराल बाद में डोटि लौट गेईं। बांकि चारनाक खान्दान सोर में और कुछ काली कुमाऊँ आजि लै विराजमान छन।
तड़ाकी उर्फ तड़ागी- ठाकुर बीर सिंह राजा सोम चन्द दगाड़ काली कुमाऊँ में आईं। राजाक भौत खैरख्वाबी वील उनकूं तड़ित उर्फ तड़िती पद देई गो। तड़ित मतलब बिजली। उनौर सन्तान काली कुमाऊँ, अल्मोड़ा आदि जागन में विद्यमान छन। कोई लोग ईनुकूं कायस्थ लै कूनी बाद में राजपूतनैक दगाड़ सम्बन्ध है जांणा कारण यौं लै राजपूत हैगाय।
बुटौला, रावत, बैगड़ी- यौं लोग कुनी कि यौं कत्यूरी राजाक समय ने आईं पर इनौर बार में कै लै स्पष्ट न्हैं।
नोट- रावत कई किशमाक छन पहाड़न में जैक वील जरा गहराई में जबेर खोज करण जरूरी छ।
महता- यौ वंश वाल कई जागन पर छन। यौं खोलिया महत लै कई जानी, यौं लोग कूनी कि यौ कत्यूरी राजाक समय धारानगरी बै आई छन और पँवार राजपूत छन।
असवाल, बर्त्वाल- यौलै आपुकूं क्त्यूरी राजा समय धारानगरी बटि आई पँवार राजपूत बतूनी।
रांणा- यौ बतूनी कि यौं रांणा चित्तौड़ाक औलाद छन और कत्यूरी राजाक समय यं आईं पर इनौर गोत्र और शाखा बिष्टनौक समान हुं। कुछ लोग कुनी कि राजा बाजबहादुर चंदौक समय एक मठपाल इनुकूं यां ल्या। यौ खेतिक काम करछी, आब समयौक अनुसार इनुमेंलै परिवर्तन ऐगो । साह, चौधरी, बिष्ट जो इनार गोत्राक न्हैतन उनार दगाड़ यौं सम्बन्ध करनी ।
वल्दिया- यौ बतूनी कि यौ कत्यूरी राजाक समय कठेड़ बटि यां आईं और आपुंण कैं कठेड़िया राजपूत कूनी ।
असवाल, बर्त्वाल- यौलै आपुकूं क्त्यूरी राजा समय धारानगरी बटि आई पँवार राजपूत बतूनी।
रांणा- यौ बतूनी कि यौं रांणा चित्तौड़ाक औलाद छन और कत्यूरी राजाक समय यं आईं पर इनौर गोत्र और शाखा बिष्टनौक समान हुं। कुछ लोग कुनी कि राजा बाजबहादुर चंदौक समय एक मठपाल इनुकूं यां ल्या। यौ खेतिक काम करछी, आब समयौक अनुसार इनुमेंलै परिवर्तन ऐगो । साह, चौधरी, बिष्ट जो इनार गोत्राक न्हैतन उनार दगाड़ यौं सम्बन्ध करनी ।
वल्दिया- यौ बतूनी कि यौ कत्यूरी राजाक समय कठेड़ बटि यां आईं और आपुंण कैं कठेड़िया राजपूत कूनी ।
क्रमश:
(मदद -कुमाऊँ का इतिहास - कुमँ केशरी श्री बद्री दत्त पाण्डे )
बी० सी० पाण्डे ।
(मदद -कुमाऊँ का इतिहास - कुमँ केशरी श्री बद्री दत्त पाण्डे )
बी० सी० पाण्डे ।
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