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कुमाऊँ में ब्राह्मणों की वंशावली - तिवाड़ी/त्रिपाठी गौतम गोत्री

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कुमाऊँ में तिवाड़ी/त्रिपाठी गौतम गोत्रीनक संक्षिप्त इतिहास

लेखक: भुवन चन्द्र पांडे 

त्रिपाठी-तिवाड़ी
त्रिपाठी- तिवाड़ी लै कई जानी, कुछ लोग आपुकूं त्रिवेदी लै कूनी।  यौं गौतम गोत्री और सामवेदी भाय।

गुजरात देशाक अमलाबाद बड़नगर बै पं० श्रीचंद तिवारी आपण पुत्र पं० शुकदेव दगार राजा उद्यान चंदाक समय कुमाऊँ मे आई । राजैल पुत्रैकि खातिरदारी ज्यादा करी ये लिजी नाराज हबेर पं० श्री चन्द अल्माड़ तरफै न्है गेईं। उभैत करे राजधानी खगमाराकोट में छी।

पं० श्री चंद तिवाड़ी तांत्रिक विद्या में प्रवीण छी, उनौल एक यस चमत्कार करो कि उद्यान चंदाल सारि अल्माड़ैकि भूमि संकल्प करके त्याड़ ज्यू कैं दि दै। अल्माड़ में तब पाणि कम छी, तंत्र बलैल प्रोक्षण करबे पंडितज्यूल पाणि पैद कर दै।  इनैरै संतान अल्माड़ में तिवाड़ी कहलाई । सम्पूर्ण अल्माड़ेकि जमीन मुख्यत: तिवाड़ी लोगनैक भइ।  जब राजधानी अल्माड़ बड़ी तो तैवाड़ी लौगन कैं और जमीन देई गइ।

श्री चंद तिवारीक पैल च्यल शुक देव कैं काली कुमाऊँ मे बिंडा गाव जागीर में मिली । वी वंशज बिंडा क त्याड़ि वकई जानी।
श्री चंद अल्माड़ में रबेर तीन पुत्र और भंई
१-देवानन्द
२-जगन्नाथ
३-जयराम

१-देवानन्दाक द्वी पुत्र भई मघी और गंगा
मघी की सन्ताने खोल्टा में रूनी।
गंगा त्रिपाठी वंशज निशिणी जाख, इजर, चीनाखान, धारानौला, कुंगाड़खोला , शैल, पांणिउड्यार, खैरना, मझेड़ा मे रूनी।

२-पं० जगन्नाथाक तीन च्याल भाय मनी, महानंद और जय शर्मा
मनी- यैक सन्तान स्यूनरा मे और चौगर्खा चितई मे रूनी बताई जां की रामपुर और काशीपुर में रूनी।

महानंद- यैक सन्तान तल्ली चौंसार, खरकोट,डुबकिया, में रूनी।  डुबकियाक लक्ष्मीपति कैं करास गांव लै मिली भौय।

जय शर्मा- इनार तीन पुत्र भैई संताकर, रखमी और भीखा।
संताकरैकि संतान में नरायण तिवाड़ी भई जनूल बाजबहादुर चंदैक रक्षा करी और प्रसिध्दि पै ।नाम अमर करौ। राजैल इनैकू चौघाणी ब्राह्मणों में सामिल करो और इनौर नामक मन्दिर लै बड़ा जो आजि लै विद्यमान छू। इनैर संतान सुप, नल्ली चौंसार,बरेली,चाऊपुर,चंदौसी, हाथरस में रूनी।

रखमी की संतान पोखरखाली, कैड़ारौ मे छन, य वंशाक कुछ लोग अग्निहोत्री लै छन जो चौंसार में रूनी।

भीखा सन्तान ज्यौली में रूनी।  उनुमें कमलापतिक पुत्र श्री गंगाराम शास्त्री बड़ प्रसिध्द भई गोरखा राज्य में उनुकू मल्ला स्यूनरा मे कई गांव जागीर में मिली । उनार वंशज मुहल्ला त्यूनरा में रूनी जाँ तिवाड़ीनक कुल देवी त्रिपुरा सुन्दरीक मन्दिर लै छू।

३-जयराम जीक संन्तान थपलिया में रूनी
य कई जां कि तिमली,रमड़ा,दोरा, दैरी प्रभृतीक अन्यअन्य तिवाड़ी/त्रिपाठी गढ़वाल बटि आई छन । गौतम गोत्री और सामवेदी ऊंलै भाय, ऊं आपुंकलै पं० श्रीचन्दैक सन्तान मध्ये बतूनी।

कैकं अगर और जानकारी छू या तथ्य कुछ और छना तो ऊं सुधार कर सकनी।
बी० सी० पाण्डे।

(साभार कुमाऊँ का इतिहास - पं० बद्री दत्त पाण्डे)
क्रमश: अधिल अंक जोशी लोगनक।

फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी शब्द सम्पदा पर भुवन चन्द्र पांडे जी की पोस्ट से साभार 

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