
लेखक: भुवन चन्द्र पांडे
कुमाऊँनी भाषा
"चार कोस पर पानी बदले, आठ कोस पर बानी"
यौ कहावत कुमाऊँ में भाषा पर चरितार्थ हूं , किलै कि कुमाऊँ में कुमाऊँनी भाषा अनेक बोलियोंक समूह छू । यैक संख्या दस मानी जानी, और ऊं दस बोलियों कैं द्वि समूह में बांटी छन, पूर्वी कुमाऊनी और पश्चिमी कुमाऊनी ।
पूर्वी कुमाऊनी बोलियों में १- कुमय्यां २- सोर्याली ३- सीराली ४- अस्कोटी ।
पश्चिमी कुमाऊनी बोलियों में १-खसपर्जा २-चौगर्खिया ३- गंगोली ४-दनपुरिया ५-पछाई ६-रौ चौबासी ।
कुमय्यां काली कुमाऊँ क्षेत्र लोहाघाट, चम्पावतैक प्रमुख बोलि छू बोली छू। यौ बोलिक क्षेत्र उत्तर में पनार और सरयू नदी, पूर्व में काली नदी, दक्षिण में भाबर, पश्चम में लधिया नदीक एक शाखा दगाड़ लागी देवीधूरा पर्वत माला तक फैली छू ।
पिछौरागढ़ जनपद में सोर परगनाक बोली "सोर्याली" बोली जां । सोराक पूर्व में काली नदी, पश्चिम में पूर्वी रामगंगा, उत्तर में सीरा और अस्कोट,दक्षिण में सरयू नदी यैक क्षेत्र छू ।
अस्कोट परगनाक पश्चिमऔर गंगोली परगनाक पूर्व में स्थित सीरा परगनाक बोली "सीराली" कई जां । यैक अन्तरगत डीडीहाट, बारबीसी, अट्ठाबीसी और माली ऊनी ।
सोराक उत्तर में स्थित अस्कोट परगनाक बोली "अस्कोटी" कई जां
पश्चिम कुमाऊनीक बोलिन में खसपर्जिया बोली मुख्य भैई जो बारामण्डल परगना में बोली जां, अल्माड़ सहर में बोली जाणी वालि कुमाऊनी परिश्कृत या विशिष्ट खसपर्जिया मानी जां ।
कालीकुमाऊं परगनाक उत्तर पश्चिम भाग दगाड़ लागी क्षेत्र चौगर्खा कई जां और वांक बोलि कैं "चौगर्खिया" कूनी । यैक अन्तर्गत रंगोड़,दारुण और सालम पट्टी ऊनी । " चौगर्खिया" बोलि "खसपर्जियी" दगाड़ मेल खां ।
सरयू और रामगंगा नदीक दक्षिण वाल भूभाग गंगोलीक बोलि "गंगोइ" या "गंगोली " कई जां । यैक अन्तर्गत बेलबड़ाऊँ, पुंगराऊँ, अठगाऊँ और कुमेश्वर आदि पट्टी ऊनी ।
दानपुर क्षेत्र मे " दनपुरिया " बोली जां । यै में मल्ला दानपुर, तल्ला दानपुर,मल्ला कत्यूर, विचल्ला कत्यूर, तल्ला कत्यूर, पल्ला कमस्यार,वल्ला कमस्यार, डुंग, नाकुरी,और मल्ला रीठागाड़ पट्टी ऊनी ।
रामगंगा ( पश्चिमी ) मलिक नैथान पर्वत श्रेणीक तलिक भूभाग में स्थित पाली पछाऊँक बोलि "पंछाई" कई जां । यै मं फल्दाकोट,धनियाकोट,सिलोर,ककालसौं, गेंवाड़, चौकोट, दोरा (द्वारा), सल्ट पट्टी ऊनी ।
नैनीताल जनपदौक रौ और चौबेसी नामाक पट्टी में "रौ-चौबैसी" बोली जां। यैक प्रचलन रामगढ़, छखाता (भीमतालाक आसपासौक क्षेत्र), कोस्यां क्षेत्र में लै छू। यौ बोलि खसपर्जिया दगाड़ मेल खां।
पर कुमाउनी भाषा पुर कुमाऊँक प्रतिनिधित्व निकरन। यौ क्षेत्र में भोटियौं, बुक्षाओं,थाड़ुवों और वनराजियोंक( वनरौत) आपणि विशिष्ट और समृध्द भाषा छू।
पिथौड़ागढ़ जनपदौक एक भौत ठुल भू-भाग जो पूर्व में नैपाल बटि उत्तर में तिब्बत तलै फैली छू मे भोटिया बोलि बुलाई जां । पिठौरागढ़ जनपद में उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र मुन्स्यारी में भोटिया, कुमाउनी,गढ़वाली भाषाक मिश्रित रूप छू जै थैं "जोहारी" कूनी किलै कि यै अस्कोट और सीराक उत्तर में जोहार परगना में बुलाई जां।
आदिवासी राजी जाति जो अस्कोट, अल्मोड़ा जनपदौक चौगर्खा और भावराक जंगल में रूनी उनैरि विशिष्ट बोली छू "राजी" ।
भु० च० पाण्डे। दिनांक २६/०६/२०१७
( संकलन साभार- डां० शेर सिंह बिष्ट)
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