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हे रूपसी मुबारकहो नई साल तू कैं

रचनाकार: श्री शंकर दत्त जोशी
साथियो,
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि श्री शंकर जोशी जी कुमाऊँनी भाषा के जाने माने लोककवि व व्यंग्यकार  हैं। उनकी हास्य/व्यंग्य रचना "पनुंवा" ने जोशी जी को कुमाउनी कवि के रूप में एक अलग पहचान  दी है।  यहां तक कि लोग उनको पनुंवा के नाम से ही जानने लगे हैं और इसे स्वीकार करते हुये अब जोशी जी ने भी अपने नाम में पनुंवा जोड़ लिया है।

प्रस्तुत है श्री शंकर जोशी जी की कुमाऊँनी कविता "हे रूपसी मुबारकहो नई साल तू कैं ........":-



श्री शंकर जोशी जी की कुमाऊँनी कविता के youTube लिंक से ली गयी है।



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