गोपाल बाबू गोस्वामी
सुनिए सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी जी के सुमधुर गीत
सुनिये, गोपाल बाबू गोस्वामी जी का लोकप्रिय गीत
"कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा, ऐ गो चैतो मैहणा.."
गोपाल बाबू गोस्वामी जी कुछ उन गिने चुने गायकों में शामिल हैं जिनकी पहचान ऊंचे पिच की वोईस क्वालिटी के लिए होती है। गोस्वामी जी के गीतों के बारे में जानने के क्रम में हम गोस्वामी जी के एक कम प्रसिद्ध और बड़े सुरीले गीत के बारे में जानेंगे। आज गोपाल बाबू गोस्वामी जी के स्वर में उनका लोकप्रिय गीत "कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा...." सुनेंगे।
प्रस्तुत गीत में आप पहाड़ की नारी के मायके के प्रति प्यार और मायके से आने वाली भिटौली के महत्व को समझ सकते हैं। पहाड़ो में उसका अपने मायके जाना हर समय संभव नहीं हो पाता है तो चैत्र के महीने ससुराल में भिटौली देने आये भाई के सामने वह अपने मायके के लोगों को कैसे याद करती है, इसे गीत के माध्यम से भाई-बहन के संवाद के रूप में गोस्वामी जी बड़े मार्मिक ढंग से व्यक्त किया है:-
भेटोई की आस लैगे आज सौरास की बैणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
घुगूती बासिं छ मेरि बैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
अब कस छन... इज बाब, ओ भैंसि सुरम्याई
कैसि छ गोधनी गोरु... वे, भुला पुसुलि बिराई
इज बोज्यू मेर भुला, ओ लागि ग्ये नराई
भुला है पूछिं छ आज, सौरास की बैणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
घुगूती बासिं छ मेरि बैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
अब भल छैं ओ इज बाबा, बैणा भैंसि सुरम्याई
भली छ गोधनी गोरु वे, बैणा पुसुलि बिराई
इज बौज्यू मेरि बैणा ओ भौते याद कूनी
जी रये बची रये अब आशीष दिनी
नौ लुकड़ा आऊ ल्याऊँ पैरि ले तू बैणा
पैरि ले वे बैणा मेरि वे, तू पैरि ले वे बैणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
घुगूती बासिं छ मेरि बैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
ओ भूलि-भुला कस छना ओ, गौं का बाखई सबा
दगड़ुवा भाई बैणा वे, तू करि दिये यादा
कका-काकी आमा-बुबू ओ पैलागि कै दिये
गौं का नान ठुला कणि तू याद करि दिये
भरि ऐगो हिया तेरो, ओ सौरासै की बैणा
आज रुण भैगे मेरि, यौ सौरासै की बैणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
घुगूती बासिं छ मेरि बैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
ओ इजा हैं कै दिये भूलू, ओ दीदी भौते रविं छ
ओ बाबा की इजुली भुला, तू नराई फेरिये
ओ इजा हैं कै दिये भूलू, ओ दीदी भौते र्वी छ
ओ बाबा की इजु की भुला, आज भौते याद ऐंछ
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
कफुवा बासों छ ऊँचा डाना नरैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
घुगूती बासिं छ मेरि बैणा
ऐ गो चैतो मैहणा
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