
प्लम, आलूबुखारा या अलूचा (Plum)
लेखक: शम्भू नौटियालप्लम, आलूबुखारा या अलूचा, वानस्पतिक नामः प्रूनस डोमेस्टिका ( Prunus domestica) या प्रूनस सालिसिना (Prunus salicina)। दोनों रोजेसी (Rosaceae) कुल के अन्तर्गत आते है। आलू बुखारा या प्लम की बागवानी उत्तराखण्ड में प्रमुख रूप से की जाती है। कुछ किस्में उप-पर्वतीय तथा उत्तरी पश्चिमी मैदानी भागों में भी पैदा की जाती है ये सहिष्णु किस्में हैं और ये किस्में इस जलवायु में आसानी से पैदा होती है। उत्तराखण्ड में प्लम के अर्न्तगत 8,843 हैक्टयर क्षेत्रफल आंका गया है। जिससे लगभग 12,748 मैट्रिक टन प्लम उत्पादित होता है।

आलू बुखारा को प्लम और अलूचा नाम से भी जाना जाता है। यूरोपीय प्लम को प्रुनस डोमेस्टिका कहते हैं और यह पश्चिमी एशिया का देशज है। जापानी प्लम का वैज्ञानिक नाम प्रूनस सालिसिना है जो चीन का देशज समझा जाता है। प्लम की बागवानी हमारे देश में यूरोपीय लोगो के आने के बाद प्रारम्भ हुई। इसकी 43 किस्में एलेक्जेन्डर कट्स 1857 में भारत लाए थे।

इसकी बागवानी समुद्रतल से लगभग 900 से 2500 मीटर वाले क्षेत्रों में होती है। ऐसे स्थान जहाँ बसन्त ऋतु में पाला पड़ता हो इसकी खेती के लिये अनुपयुक्त होते है। यूरोपीय अधिक ठंडक वाले तथा जापानी आलू बुखारा कम ठंडक वाले स्थानों में सफलतापूर्वक उगाये जाते हैं। आलू बुखारा या प्लम की खेती के लिए शीतल और गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है। यूरोपीय आलू बुखारा को 7º सेल्सीयस से कम ताममान लगभग 800 से 1500 घण्टों तक चाहिए जब कि जापानी आलू बुखारा को उक्त तापमान 100 से 800 घण्टो तक चाहिए। यही कारण है कि इसका उत्पादन कम ऊँचाई वाले स्थानों में और मैदानी क्षेत्रों में भी किया जाता है।

प्लम एक स्वास्थवर्धक रसदार फल है। इसमें मुख्यतः लवण, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। फल में प्रति 100 ग्राम खाने योग्य गूदे में इन तत्वों की मात्रायें कमोवेश आडू के फल के समान ही होती है। इसके फल ताजे खाये जाते है और विभिन्न प्रकार के उत्पाद जैसे जैम, जैली, चटनी एवं अच्छी गुणवत्ता वाली बरांडी बनायी जाती है। बीज में पाये जाने वाले 40-50 प्रतिशत तेल का उपयोग सौन्दर्य प्रसाधनों में दवा के रूप में प्रयुक्त होता है।

वास्तव में गर्मियों का यह मौसमी फल सेहतमंद गुणों का खजाना है जहाँ इसका सेवन सेहत और सौंदर्य दोनों बरकरार रखते हैं वहीं इससे बनने वाले लजीज पकवान भी बहुत स्वादिष्ट होते हैं। आलू बुखारे या प्लम में मौजूद प्रोटीन, मिनरल, आयरन के साथ विटामिन 'ए' और विटामिन 'सी' भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। ये बालों के साथ त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं।

श्री शम्भू नौटियाल जी के फेसबुक पोस्ट से साभार
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