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सेब-Apple (भाग-२)

एक सेब खाने से डॉक्टर को दूर रखा जा सकता है। An apple a day keeps the doctor away.
  
सेब-Apple (भाग-२)
(सेब के औषधीय महत्व के सन्दर्भ में)
लेखक: शम्भू नौटियाल

पार्ट-2: सेब (सेब के औषधीय महत्व के सन्दर्भ में); सेब का वानस्पतिक नाम मैलस सिल्वेस्ट्रिस (Malus sylvestris (Linn.) Mill. Syn-Pyrus malus Linn. है। कुल रोजेसी (Rosaceae) से संबंधित है। संस्कृत में इसे मुष्टिप्रमाण, महाबदर, सिञ्चितिकाफल व अग्रेंजी में क्रैब एप्पल (Crab apple), वाईल्ड क्रैब (Wild crab) भी कहते हैं। यह मुख्यतः मध्य एशिया का फल है, लेकिन बाद में यह यूरोप में भी उगाया जाने लगा। इसे एशिया और यूरोप से उत्तरी अमेरिका बेचा जाता है। सेब पर्वतीय क्षेत्रों में पैदा होने वाला फल है। यह उत्तरी-पश्चिमी हिमालय में लगभग 2,700 मीटर तक की ऊँचाई पर पैदा होता है।

इसकी खेती मुख्यतः हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड और जम्मू-काश्मीर के कई क्षेत्रों में होती है। "एन एप्पल ए डे, कीप्स डॉक्टर अवे" (“An apple a day keeps the doctor away.”) अंग्रेजी की एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है जिसके अनुसार, हर रोज एक सेब खाने से डॉक्टर को दूर रखा जा सकता है। बचपन से ही हम सभी ये बात सुनते आ रहे हैं पर क्या हम इस बात पर यकीन भी करते हैं? हम बातें तो बहुत सी सुनते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही बातों पर अमल करते हैं। पर ये वाकई सच है कि हर रोज एक सेब खाने से कई तरह की बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है। इसका कारण यह है कि सेब स्वाद में बेहतरीन होने के साथ-साथ कई प्रकार के पोषक तत्त्वों खजाना होता है।

सेब का जूस सारी दुनिया में काफी लोकप्रिय है। यह बाजार में रेडीमेड भी उपलब्ध है, लेकिन घर पर निकाला हुआ जूस अधिक फायदेमंद होता है। सेब का पेड़ लगभग 3 से 7 मीटर तक ऊंचा होता है। इसकी छाल भूरे रंग की होती है। इसके फूल गुलाबी से सफेद रंग या खून के रंग के होते हैं। इसके फल मांसल और लगभग गोलाकार होते हैं। कच्ची अवस्था में सेब हरे रंग का, तथा स्वाद में खट्टा होता है। पक जाने पर लाल रंग का और मीठा होता है। सेब का बीज छोटा, काले रंग का तथा चमकीला होता है। सेब में पोषक तत्त्वों की भरमार होती है, और यही वजह है कि ज्यादातर स्वास्थ्य विशेषज्ञ रोज एक सेब खाने की सलाह देते हैं। बहुत से लोग सेब का जूस पीना पसंद करते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, सेब त्वचा रोग, जलन, दिल का दौरा, बुखार, कब्ज की परेशानी में लाभ पहुंचाता है।यह मानसिक विकार, एसिडिटी, बुखार, हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ पेचिश में भी फायदेमंद होता है। सेब का सेवन कमजोरी, बदहज़मी, सांसों की बीमारी में भी लाभदायक होता है। यह ल्यूकोरिया, दांतों की बीमारी, गठिया, पथरी, खून की कमी को दूर करता है। कुछ चिकित्सा अनुसंधान के अनुसार सेब में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन, आहार फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की एक श्रृंखला होती है। उनके विभिन्न पोषक तत्वों की सामग्री के कारण, वे कई स्वास्थ्य स्थितियों को रोकने में मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, वे कैंसर, मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह, और कई अन्य स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

सेब के सेवन से लाभ:
सेब चबाकर खाने से लार अधिक बनती है, जो मुंह की साफ-सफाई करने के अलावा बैक्टीरिया को पनपने से भी रोकती है। इस प्रकार से सेब खाने से आपके दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।

सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन-सी और विटामिन-बी पाया जाता है। इसके नियमित उपयोग से रात को कम दिखाई देने की परेशानी में लाभ होता है। यही नहीं, सेब आंखों की अन्य परेशानियां, जैसे— मोतियाबिंद, ग्लूकोमा आदि से भी बचाव करता है। सेब को पीसकर, पकाकर आँखों में बांधने से आँखों की बीमारियां दूर होती हैं।

खांसी में 1 गिलास सेब का रस निकाल लें। इसमें मिश्री मिलाकर सुबह के समय पिएं। इससे सूखी खांसी में लाभ होता है। इससे बेहोशी की समस्या में भी फायदा होता है। सूखी खांसी में भरपूर लाभ लेने के लिए रोजाना पके हुए मीठे सेब खाने चाहिए।

सेब का सेवन करने से पेट के रोग ठीक होते हैं। रात को सोते समय दो सेब खाएं। ऐसा कुछ दिन मतलब कम से कम 7 दिन तक करें। इससे पेट के कीड़े मरकर मल के साथ बाहर आ जाते हैं। सेब खाने के बाद रातभर पानी नहीं पिएं। खाली पेट सेब खाने से कब्ज दूर होती है। सुबह के समय छिलके सहित सेब खाने से भी कब्ज की समस्या दूर होती है।

सेब में टार्टरिक एसिड होने के कारण यह बहुत जल्दी पच जाता है। यह अपने साथ अन्य आहार को भी पचा देता है। इसके साथ ही, सेब के मुरब्बे का सेवन करने से आमाशय-संबधी रोगों में भी लाभ होता है।
सेब के सेवन से प्यास खत्म होती है और आंत स्वस्थ बनते हैं। सेब में आंवयुक्त पेचिश मिटाने का गुण होता है, इसलिए सेब को भूनकर खाने से आंतों के रोगों में बहुत लाभ होता है।
अधपके सेब का 5-15 मिली मात्रा में रस पीने से उल्टी बंद हो जाती है।
सेब के पत्तों को पीसकर लेप करने से त्वचा के रोग ठीक होते हैं। सेब के वृक्ष की जड़ को पीसकर दाद-खाज-वाले स्थान पर लगाएं। इससे लाभ होता है।
सेब ना केवल त्वचा के रोगों को ठीक करता है, बल्कि त्वचा के लिए एक बेहतरीन फेस पैक के रूप में भी काम करता है। फेस पैक के रूप में प्रयोग करने की जानकारी किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से लें।
सेब का मुरब्बा खाने से दिमाग तथा हृदय मजबूत होता है। सेब दिमागी कोशिकाओं को स्वस्थ बनाने का काम करता है। विद्यार्थियों के लिए सेब स्मरण शक्ति और दिमागी शक्ति बढ़ाने का आसान स्रोत है।
बिच्छू के काटने पर भी सेब का प्रयोग कर सकते हैं। 100 मिली सेब के रस में 500 मिग्रा कर्पूर मिला लें। इसका सेवन कराने से बिच्छू का ज़हर उतर जाता है।
सेब में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट और बीमारियों से लड़ने वाले तत्व पाए जाते हैं। सेब में कुछ ऐसे भी तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में नई कोशिकाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करते हैं।

संक्षिप्तता:
सेब में पेक्टिन जैसे फायदेमंद फाइबर्स पाए जाते हैं।
स्वस्थ और सफेद दांतों के लिए।
बढ़ती उम्र की वजह से मस्ति‍ष्क पर पड़ने वाले प्रभाव को दूर करने के लिए।
सेब में भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को सही रखने में मददगार होते हैं।
सेब का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
सेब के नियमित सेवन से टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा कम हो जाता है।
सेब का सेवन करना हृदय रोगो से बचने के लिए बहुत अच्छा होता है।
सेब के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है।
वजन को नियंत्रित करने के लिए भी सेब का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
सेब के नियमित इस्तेमाल से शरीर के भीतर मौजूद कई विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।

सेब के सेवन में ध्यान देनें योग्य तथ्यः
सेब का निश्चित मात्रा में सेवन लाभ कारी होता है पर यदि इसे जरूरत से ज्‍यादा लिया गया तो यह हानिकारक भी हो सकता है।
कभी भी फ्रिज में रखा हुआ सेब का सेवन न करें क्यूंकि इसको फ्रिज में रखने से सेब के सभी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
जब भी आप किसी भी फल का सेवन कर रहे हो तो पहले उसे साफ गर्म पानी से अच्छे से धो लें फिर सेवन करें क्यूंकि इन पर मोम की परत लगी हुई होती है।
सेब का सेवन करने से पहले उसमें से बीज निकाल दें।  अगर आपने इन फलों के बीज का सेवन कर लिया है और आपको सिरदर्द, उल्टी, पेट में ऐंठन जैसी समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
ध्यान रखें, यदि सेब के बीज को ऐसे ही निगला जाता है, तो उतना घातक नहीं होता है लेकिन अगर इन बीजों को चूरा करके किसी घुलन पदार्थ में मिलाया जाए या बीज के चूरे का सेवन किया जाए तो काफी जल्दी शरीर में असर करता है और जानलेवा हो सकता है।
सेब के बीजों के अंदर अमिगडलिन (Amygdalin) नामक तत्व पाया जाता है। जब यह तत्व इंसान के पाचन संबंधी एन्जाइम के संपर्क में आता है तो यह सायनाइड रिलीज करने लगता है। अमिगडलिन के अंदर चीनी और सायनाइड होता है और जब ये हमारे शरीर में जाता है तो हाईड्रोजन सायनाइड में तब्दील हो जाता है। इस सायनाइड से न सिर्फ हम बीमार हो सकते हैं बल्कि मौत भी हो सकती है। हालांकि ऐक्सिडेंटली सेब का बीज खा लेने पर कोई खास खतरा नहीं होता है।

 

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