सुनिए सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी जी के सुमधुर गीत
सुनें, गोपाल बाबू गोस्वामी जी का लोकप्रिय विवाह गीत "सुवा रे सुवा, परखंडी सुवा....... "मित्रो, जैसा कि हम सब जानते हैं कि कुमाऊँ और उत्तराखण्ड में कई महान लोकगायक हुये हैं लेकिन गोपाल बाबू गोस्वामी एक ऐसे संगीत साधक हैं जिनकी पहचान ऊंचे पिच की वोईस क्वालिटी के कारण अपने आप में विशिष्ट है। उनकी इस सुरीली आवाज का ही जादू है कि कुमाऊँनी ही नही अन्य भाषा-भाषी भी एक बार उनका गीत सुनने के बाद उनके गीतों को बार-बार सुनकर खुद गुनगुनाने को विवश हो जाता है। गोपाल बाबू गोस्वामी जी ने विभिन्न प्रकार के गीत गाये हैं जैसे श्रंगार गीत, भक्ति गीत, पहाड़ के सौन्दर्य और पहाड़ के जन-जीवन से सम्बंधित गीत आदि। आज हम सुनेंगे गोस्वामी जी का एक विवाह में गाया जाने वाला लोकप्रिय मंगलगीत "सुवा रे सुवा, परखंडी सुवा....... "
प्रस्तुत गीत में गोस्वामी जी ने गीत के माध्यम से सुवा (तोता) को सम्बोधित करते हुये उससे विवाह का निमंत्रण देने का आग्रह किया गया है। इस गीत में गोस्वामी जी तोते के रंग-रूप की प्रशंसा करते हुये उस से गांव-गांव व नगर के घर जाकर विवाह के निमंत्रण का संदेश कहने को कह रहे हैं। प्रस्तुत गीत में अपने इसी संदेश को गोस्वामी जी ने ओजपूर्ण स्वरमें व्यक्त किया है:-
सुवा रे सुवा, परखंडी सुवा,
जा सुवा गौं-गौं’न न्यूत दी आ.....
सुवा रे सुवा, परखंडी सुवा,
जा सुवा कौ-गौं’न न्यूत दी आ.....
हरियो तेरो गात, पिन्गली तेरी ठूंना,
जा सुवा कौ-गौं’न न्यूत दी आ.....
हरियो तेरो गात, पिन्गली तेरी ठूंना,
जा सुवा गौं-गौं’न न्यूत दी आ.....
रस्म्यालि तेरि आँखि, पिन्गली तेरी ठूंना,
जा सुवा नगरि’न न्यूत दी आ....
रस्म्यालि तेरि आँखि, भूरि-भूरि आँखि,
जा सुवा नगरि’न न्यूत दी आ....
सुवा रे सुवा, परखंडी सुवा,
जा सुवा नगरि’न न्यूत दी आ.....
हरियो तेरो गात, पिन्गली तेरी ठूंना,
जा सुवा कौ-गौं’न न्यूत दी आ.....
सुवा रे सुवा, परखंडी सुवा,
जा सुवा नगरि’न न्यूत दी आ.....
0 टिप्पणियाँ