
कुमाऊँनी नथ
(लेखक: जगमोहन साह)
कुमाऊंनी महिलाएं में नथ को मुख्य आभूषण व सुहाग की निशानी माना गया है। परन्तु आजकल बड़े आकार वाली पहाड़ी नथ बहुत कम ही महिलाओं के चेहरे पर दिखती है (जिसका वजन 8-10 तोला तक होता है)। कभी कुमांऊनी महिलाओं की पहचान ही उनकी परंपरागत पोशाक रंगवाली पिछडा और बड़े आकारवाली पहाड़ी नथ से हुआ करती थी। तब इसके बारे में कहा जाता था कि घर में जितना धन आता था इसका वजन उतना ही बढ़ा दिया जाता था (यानी जो जितना बड़ा सेठ उसकी घरवाली की उतनी वजन की नथ)। आज इस नथ को आमा की नथ के नाम से संबोधित किया जा रहा है।
(प्रस्तुति: जगमोहन साह, लाला बाजार अल्मोड़ा)

जगमोहन साह जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी पर पोस्ट
0 टिप्पणियाँ