कसि कुं पहाड़ी छूँ!!
लेखिका: रेखा उप्रेती
बड़बाज्यु'क लगाई डावाँ बटि
खूब फल खायि
जोड़ि-जाड़ि कारबार
सब बज्यायि
घर-कुड़ि छोड़ी
फरकि नि चा'इ
ठाट-बाट जो'ड़ि
मस्त है रा'यि
आब मार'ण्यू डाड़
दिगौ!! म्यर पहाड़।
न बिनौड़ धर
न पुत हाल
न हौ बा'य
न कुल्याय
न गोड़
न लवाय
बस भात खाय
ओहो रे!! म्यर पहाड़।
पहाड़ गो'य
होट'लै रौ'य
कैमरा लटकै
बड़ दिखाय
ठान-ठिमान
फोटू खिंचि
फेसबुक में खिति
देखाइ दुन्नी कं शान
आहा रे!! म्यर पहाड़।
(रेखा उप्रेती), 18-07-2020
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