
कन्हैया, ओ कन्हैया
रचनाकार: चम्पा पान्डे
सबूकैं श्री कृष्ण जन्माष्टमीक भौत भौत बधै और शुभकामना,
प्रभु कृपा हम सबू पर हमेशा बनी रयी चैं,
जय जय श्री राधे 🙏
बाँस की मुरूली कन्हैया, ओ कन्हैया
प्यारी मीठी धुन सुणैंछौ
तेरि मुरूली धुन सुणी कन्हैया,
राधा राणी दौड़ी पड़ी छौ ....
काई सुवाई मुखड़ी तेरी
सबूकैं मन कैं लुभैं छौ,
होंठों की प्यारी हँसी
आपण तरफ खीचैं छौ,
तेरी हँसनि मुखड़ी कैं देखी,
राधा राणी दौड़ी पड़ी छौं,
बाँस की मुरूली कन्हैया ,ओ कन्हैया
प्यारी मीठी धुन सुणैंछौ ...
माथे पर मोरक पंख
भौतै भाला छाजी रयी,
तेरी यौ टेड़ि नजरा
जाणी कसी जादू करी ,
त्यार आंखों का इशाराकैं देखी,
राधा राणी दौड़ी पड़ी छौ
बाँस की मुरूली कन्हैया, ओ कन्हैया
प्यारी मीठी .......
कमर में तगड़ी बादी
ठुम्म -ठुम्म तुम हिटछा,
खुटु में घुंघुरु बादी
छम्म छम्म तुम नाचछा ,
त्यार घुंघरि कौ छमछमाट सुणिं,
राधा राणी दौड़ी पड़ी छौं,
बाँस की मुरूली कन्हैया, ओ कन्हैया
प्यारी मीठी.........
देवकी माँ लै जनम दियौ
यशोदा माँ लै पालौ पोषौ,
मुलमुल हँसि बेरा
कतु पापियौं नाश करौ ,
तेरी जयकार गुणगान सुणी,
राधा राणी दौड़ी पड़ी छौ,
बाँस की मुरूली....
प्यारी मीठी.....
दीन हीन, निर्बलूक
सदा तुमुल रक्षा करौ,
घोर कलयुग लागि रौ
हम सबुपर कृपा करो,
तेरी कृपा की चर्चा कैं सुणी,
राधा राणी दौड़ी पड़ी छौ,
बाँस की मुरूली कन्हैया, ओ कन्हैया
प्यारी...........
धन्यवाद
*चम्पा *पान्डे*, 11-08-2020
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