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भै बैणियों त्यार रक्षा बंधन

भै बैणियों त्यार रक्षा बंधन, bhai bahan ka tyauhar raksha bandhan, raksha bandhan par kavita

भै बैणियों त्यार रक्षा बंधन

(रचनाकार देवेन्द्र सती)

रंग बिरंगी मन्क जडि
रक्छा सज गे छोटी बडी़
समेटि धाग मे स्नेह अपार

आ भै बैणियोक त्यार
अटूट बंधन गैर प्यार

क्वै भै बैणी छै घरों मे
क्वै लिखै पंक्ति चार
जो दाद भूली छ 
सात समुन्दर पार

सबुकै रक्छा बंधनैक शुभकामना छू यार
 
कविता: देव सती, 
चौबटियक थोड़ तलि बटि,पपनैपुरी पाखुडा़

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