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गिर्दा का कुमाऊँनी गीत - आज हिमाल तुमनकै धत्यूंछ

गिर्दा का कुमाऊँनी गीत - आज हिमाल तुमनकै धत्यूंछ, Girish Tiwari Girda Song Aaj Himal tumukain dhatunchh

आज हिमाल तुमनकै धत्यूंछ


आज हिमाल तुमनकै धत्यूंछो,
जागो, जागो हो मेरा लाल,
नि करि दी हालो हमरी निलामी,
नि करि दी हालो हमरो हलाल।
(अर्थात, आज हिमालय तुम्हें पुकार रहा है, जागो-जागो, ओ मेरे लाल।
मत होने दो हमारी नीलामी, मत होने दो हमारा हलाल।)

मानुष जात सुणिया मुणि हो,
वृक्षन की लै विपति का हाल,
बुलै नि सकना तुमन अध्याड़ी,
लागिया भै जनमै मुख म्वाल,
जागा है हम हलकी नि सकना,
स्वर्ग टुका में जड़ पाताल॥

हमरै जड़न बटि पाणि ऊँछो,
धारा नौला भरिनी ताल,
काँ तक कँनू आणि सेवा,
गाड़ने रूछा हमरी खाल।

हमन उज्याड़ी फिरि के करला,
पछिल तुम्हारो मन पछताल
आपणों भलो जो अघिल के चांछा,
पालौ सैतों करौ समाल।

( पहाड़-19, पृष्ठ 233 )

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