धामि ज्यू’क डैमेज कन्ट्रोल हरण मन्त्र
लेखक: विनोद पन्त 'खन्तोली'धामि ज्यू’क मकान उज्याणि गेयूं तो वां अणकसै जस माहौल हई भै। कुछ पार्टी वाल मिठाई डाब धर जाई भाय पर क्वे खाण नि रय। एक कार्यकर्ता बाल मिठाई क टुकुड लिबेर धामि ज्यू क पास गोय और कूण लाग, "बधाई छ! हमरि सरकार बण गे, लिओ मिठ्ठै खाओ।"
धामि ज्यू कूण लाग - धर दिओ, ऐल मन नै हैरय।
कार्यकर्ता जबरदस्ती खऊण लाग तो धामि ज्यू जोर में ऐ ग्याय, कूण लाग, "हटा तौ मिठ्ठै, त्यार मूख में फचैक मार दयूल हां। उसीके मूड आफ हैरौ, मिठ्ठै लिबेर ऐरौ भागुलिच्योल, भाज यां बटी..।"
तब तक मी ले पुजि गेयू। मेकें देखते ही धामि ज्यू लि अग्वाव हालि दि और उनैलि हीईईईई हीईईईईई कैबेर डाड मारण लागि ग्याय।
मीलि कौय - तस नि करो यार धामि ज्यू, पार्टी तो जितै हालि तुमैलि। तस नि करन, धीरज धरो।
धामि ज्यू कैं हिकुर लागि ग्याय पर उ चुप नि भाय। मैलि एक छैं पाणि मगाय। धामि ज्यू बिति पाणि ले नि पीईण। एक घुटुक पीबेर गिलास धर दी। आजि डाढ मारण लागि ग्याय।
बड़ि मुश्किलैलि चुप कराय तो कूण लाग - यार विनोद गुरु, कि भो हुन्योल यस! कि चर्ज बिगड़ हुनेलि!
मेर खाप बटी निकल पड् - यार कि कईं, यछैणि कुनेर भाय - अभागि मुया कौतिक गे कौतिकै नि भै।
धामि ज्यू - कि को ..?
मैलि कौय - के नै हो.. भाग्या भचैक भाय! तुम तदुक दुख नि करो, लालकूं बटी हरदा कें ले जन्तालि हार-दा बणै हालौ।
धामि ज्यू - उ त आफि हारन, मेरि कि गल्ती छी?
मैलि कौय - क्वे बात नै, भगवान चालौ सब ठीक होल।
धामि ज्यू कूण लाग - यार गुरु जरा के पूछ करो धे! के पातौत चाओ मेर कुनव देखो, के कारण भो देखो धें! मीलि पुरि पार्टी जितै पर मेरै ग्रहो किलै खराब भो? काम तो भालै करन मीलि।
मैलि कौय - यार जजमान मेर गणना में उणो कि त्वीलि के न के अधोर करौ। कति अमूसि दिन प्याज ह्याज तो नि खाय तुमैलि? या कदिनै बिना नाईं ध्वेईयें प्रचार में तो नि गेया!
धामि ज्यू - नै हो गुरु.. तसि के फाम जस नि उणय।
मैलि कौय - पें कती क्वे मन्दिर में घांट हांट चढूण प्रण तो नि कर राखछी उकें भुलि तो नि गेया!
धामि ज्यू - ना हो, तस ले नि कर।
मैलि फिर पुछ - कदिनै कैके बाछ तो नि पिलाय।
धामि ज्यू - ना हो!
मैलि कोय - कदिनै ग्वैटन तो नि रड़या या कति बौं काटण में ताल में आंग में झस्स तो नि भै? या कदिनै अधरात में...!
मेरि बात पुरि ले नि भै धामि ज्यू भड़क ग्याय - यार गुरु, कि बुलाणछा.. मी चुनाव हार रयूं। मेकें छौव ज कि लागि रौ, जे ते नि बुलाओ।
मैलि कौय - पैं जदिन तुम चुनाव प्रचार में गेछा बिरालू लि बाट तो नि काट या कैलि छींक तो नि मारि या क्वे खालि बाल्टी लिबेर आ और असकून तो नि कर?
धामि ज्यू - यार बामण मी तेर पातड़ ढूंग में धर द्यूल हां!
मैलि कौय - नाराज नि होओ यार, जागो मी भली कै चां।
मीलि फिर गण्त कर और बताय - एक बात बताओ जदिन नामांकन करण गेछा उ दिन बार कि छी?
धामि ज्यू - शुक्रवार छी हो.. किलै कि भो?
मैलि कौ - ओहो.. यै गडबड हैरै, तुमर नामांकन केन्द्र पश्चिम दिशा में छी और उदिन पश्चिम दिशा में बारदोष हूं.. बस! यत्ती कें गडबड हैगे।
धामि ज्यू - ओहो, तस तो ख्यालै नि कर... आब कि होल?
मैलि कौय - आब कि हूं, एकतसि हूं.. के नि है सकन। पैलि मेछैं पूछ गछ करनै, आब खा माछ!
धामि ज्यू - तस नै कओ हो, गल्ती हैगे! के करो, के उपाय।
मैलि कोय - चल आब तुम म्यार जजमान भया, के न के करुल। तुम एक काम करो, एक काव बाकर, काव मुर्ग, एक घोडी रमैकि बोतल, जरा मांस चावल, चार डांसि ढूंग, एक काव कपड़, एक सिगरेट डाब, एक तिरदा’क वालि कुटुरि, होईन तक मेर पास भेज दिया। मी तब तक तुमर नाम’क डैमेज कन्ट्रोल हरण मन्त्र’क जाप करि द्यूल और हां उ काव मु्र्ग कडकनाथ हुण चें हां।
धामि ज्यू - होय होय सब सामान पुजि जाल, तुम जाप शुरु करो। बस मेर काम है जाण चें।
मैलि कोय - उमें भेंटा डबल ले धर दिया और तुम इदुक दिन तक दाढ़ि बाव, नाखून झन काटिया और गृहस्थ जीवन बटी दूर रया! रत्ति-ब्याव बिगड़ी चुनावाय नम: मन्त्र’क जाप करिया! ऐल मी हिटूं, तुम ताल पेटक पाणि नि हलकाया काम बण जाल!
धामि ज्यू खशि है ग्याय और कूंण लाग - ठीक छ मी सामान लूण बजार जां! तुम जाप क तैयारि करो।/p>
मी ली खुशि हैबेर बाट लाग्यूं। अलबेर मेरि होलि ले झल्ल कन होलि बल।
(फोटो साभार - गूगल)
विनोद पन्त' खन्तोली ' (हरिद्वार), 14-04-2022
विनोद पंत 'खन्तोली' जी के फ़ेसबुक वॉल से साभार
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