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कुमाऊँ में ब्राह्मणों की वंशावली - पाण्डे लोगनाक बार में अघिनकै

कुमाऊँनी पाण्डे ब्राह्मणों की वंशावली, Kumauni Brahman, Kumaoni Pande Brahman ki vanshavali, kumaoni Pande brahmin

कुमाऊँनी पाण्डे लोगनाक बार में अघिनकै

लेखक: भुवन चन्द्र पांडे
कुमाऊँ में बामणनाक बार में जाण लियो जरा।
 
पाण्डे लोगनाक बार में अघिनकै।

मंडलिया पाण्डे- सारस्वत
श्री चतुर्भज पांडे सारस्वत ब्राह्मण कुँ० सोमचन्द दगाड़ खरोटा बटि कालीकमाऊँ में आईं।  जब कुँ० सोमचन्द कैं कालीकुमाऊँक राज्य मिलौ वील चतुर्भुज पाण्डे कैं मंडलिया पद दे। मल्ली गांव जागीर में दे ट, तब बटि उ मल्ले मडलिया कई जाण भैग्याइ।  इनैर सन्तान मानजी वगैर गांव में रूनी।  राज सोम चंदैल आपंण राज्य कैं द्वि मंडलन में बांटो, मल्ला मंडल और तल्ला मंडल।

चतुर्भुज मल्ला मंडल में कर्मचारी भाय ऊं मल्ला मंडली हैग्याय, श्री मूल देव पांडे शर्मा तल्ला मंडली कर्मचारी तल्ला मंडली हैगाय । मूल चंद लै सारस्वत ब्राह्मण भाय, सोमचंद दगाड़ खरौटा, कन्नौज बटि आई भाय।  यौं द्विया द्विनौक वंशज मंडलिया पाण्डे कई जानी।

देवलिया पाण्डे- गौतम गोत्री
अटकिंन्सन कूनी कि गौतम गोत्री पांडे थौहरचंदाक समय में कांगड़ा बटि आईं।
पं० रुद्रदत्त पंत ज्यु लेखनी कि श्री जंयती देव पांडे शर्मा पश्चिम ज्वालामुखी कांगड़ा बटि कुंवर बीर चंद क पास आईं और जब बीर चंद राज भौछ तो वील उनैकूं पुरोहित बड़ा और द्यौल गांव जागीर में दे।  ये लीजि उनैरि औलाद देवलिया कई गेईं।
द्यौलिया पांडे द्यौल, छाना, पल्यूं, संगरौली, पांडेखोला, चामी, बिलकोट,छचार, झिजाड़, पाटिया, आदि गांव में रूनी। रामदत्त ज्योतिर्विद लै लेखनी कि गौतम गोत्री पाण्डे लोगनाक मूल  पुरुष पं० बालराज पांडे कोट कांगड़ा बटि आईं।

(यां एक गलती लागैंणे चामी बार में।  चामि में भरद्वाज गोत्री पाणडे रूनी जो कि श्रीबल्लभ पाणडे ज्यू वंशज भाय। चामी हमौर गौं भय)

मतलब य भौय कि गौतम गोत्री पांडे कांगड़ा बटि कुमाऊँ मे आई भाय।

वत्स भार्गव गोत्री पांडे-
इनौर मूल पुरुष श्री ब्रह्म पाणडे कांगड़ बटि कुमाऊँ मे आई भौय।  ऊं राजा संसार चंदक यां बैद्य छी।
उनार चार च्याल छी
१ बद्री- इनैरि संतान नायल या पारकोट में रूनी पारकोटी पांडे या नायल पांडे कई जानी।
२-कालधर- संतान सीरा में रूनी वैद्य छी।
३- दशरथ- संतान अनूपशहर में रूनी वैद्य छी।
४-देवकीनन्दन - सन्तान मझेडा में रूनी

सीमाल्टिया पांडे- 
कश्य गोत्री श्रीहरिहर पांडे राजा सोमचंद दगाड़ आईं यस ज्योतिशाचार्य पं० मनोरथ शास्त्री मत छू।  पं० रुद्र दत्त पन्तक मत छू कि श्रीधर पांडे कन्नौज बटि आईं और डोटी तराई में कुं० वीर चंद कैं मिली। वीर चन्दल राज हुण पर उनैकूं आपण गुरु बना और रसिपौला गांव जागीर में दे जैक नाम बाद में सिमल्टियो भौ।

मत यै ले छू कि श्रेष्ठ मंडलाक पांडे हुणाक कारण श्रेष्ठ मंडलिया पांडे कई गाय जो कि बाद में सेमल्टिया है गोय। सेमल्टिया पांडे वास्तव मे सबन हबेर पुरान प्रतिष्ठित वंशाक भाय । सबन हबैर पैली यै राजगुरु बंणि तबै श्रेष्ठ मंडली भाय। (मंडलन में श्रेष्ठ मंडल )

सिमैल्टिया पांडे ढोली गांव, सिमल्टा, काली कुमाऊँ, सालम, चंफानौला, पचार, चामी, बिजोरी, मानिली आदि जाग में रूनी।

काश्यप गोत्री पांडे-
यौं बड़ख़ोड़ाक पाण्डे लै कई जानी। श्रीमहती पांडे कान्यकुब्जी ब्राह्मण कन्नोज बै कूर्मांचल मे आईं। ऊं काठगोदामाक नजदीक बड़खोड़ा मे रूण भैगाय। राजाल उनुकूं गुरू बड़ा। उनैरि वंशज बैरती, भाटकोट,गिंवाड़, खरगोली, पीपल टांडा, पांडेगांव, सिलौटी, बाड़ाखेड़ी, नाइन, नैपाल में रूनी।  नैपाल राज गुरू लै यौ पांडे कुछ दिन पूर्व तक छी।

क्वै मित्र और लै अधिक जानकारा धरनी तो पोस्ट में जोड़ सकनी, सुधार कर सकनी, स्वागत छु।

बी० सी० पाण्डे।
अघिलि पोस्ट तिवाड़ी (त्रिपाठी)

फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी शब्द सम्पदा पर भुवन चन्द्र पांडे जी की पोस्ट से साभार 

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