'

सैणिक गुलाम है गईं.......

रचनाकार -श्री भूपाल बिष्ट जी 



साथियो,  श्री भूपाल बिष्ट जी कुमाऊँनी के जाने माने कवि हैं।   श्री भूपाल बिष्ट जी की व्यंग्य से भरपूर कुमाऊँनी कविता है, "सैणिक गुलाम है गईं.........", जिसमें एक शादी शुदा व्यक्ति के दर्द को व्यंग्य के रूप में कविता के माध्यम से व्यक्त किया है।


सुनिये भूपाल बिष्ट जी की कविता की औडियो उनके अपने स्वर में:-




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ