'

कुमाऊँ में क्षत्रि व राजपूत - सूर्य बंशी राजपूत

History of Kumaoni Suryavanshi Rajputs, कुमाऊँनी राजपूतों के बारे में ऐतिहासिक तथ्य, kumaoni rajputon ke bare mein, kumaoni kshatriya rajput

लेखक: भुवन चन्द्र पांडे

कुमाऊँ में क्षत्रि व राजपूत वर्ग


सूर्य बंशी राजपूत-
कत्यूरी राज करीब २००० बटि ३००० बर्ष पूर्व अयौध्या बटि आई छी।  पैली उनैरि राजधानी जोशीमठ में छी बाद मे ऊं आपंणि राजधानी कैं कार्तिकेयपुर बैजनाथाक नजदीक लि आई।  उनैरि संतान में सबन हबेर प्रतिष्ठित और सम्माननीय जो मानी जानी उं निम्नवत छन-

१) अस्कोटाक रजबार- यै एक पुरांण घरान छू जो २५०० बर्ष हबेर लै पूर्व कूरमांचल निवासी हुंणौक गर्व कर सकनी। यौ भगवान राम चन्द्राक वंशाक छन । इनार नान नान ताल्लुकेदारी हुंछी और इनुकुंणी रजबारैकि पदवी मिलंछी और राज जौस मानी जांछीइनौर रियासतक बंटवार निहुंछी। इनार सैंणीनकैं बहुरानी कूंछी । देश स्वतंत्र हुंणा बाद बदली परिस्थिति में आज भोउन के स्थिति छू खोज खबरैकि आवश्कता हौलि ।

२) जस पुराक रजबार-  
३) सल्ट, सैनमानुर, कहेड़गाँव, तामाढौन यौ सब जागनाक मनुराल, उदयपुर, भल्टगाँव, हाट व चचरौटी मनुराल, इन मनुरालनौक सांक्य गोत्र और पंचप्रवर छु।

४) साबलीक विष्ट जो साबलिया विष्ट लै कई जानी और बंगारस्यूंक बंगारी जनुकूं रौत लै कूनी आंपुण कूं सूर्यवंशी राज पूत कूनी।  यौं आपंण सम्बन्ध उच्च कोटिक खस राजपूतन दगाड़ करनी।

चौकोटाक रजबार कत्यूरी राजन मध्ये भाइ, रजबारन सैंणीं बहूरानी और मनरालनैकि सैंणी राजाई कई जांछी। पैली रजबार लै और मनराल लै आपण सैंणीनौक बंणाई भोजन नि खांछी । रजबार लोग रौतेला, बिष्ट,साहू और बंगारियों में ब्या करछी । पर आब समय बदल गो । यौं आपंण पूर्वजौंक पुज करनी

बिष्ट- यौ लोग कश्यप, उपमन्यू और भारद्वाज गोत्री हुनी। असली में विशिष्ट पद हुंछी जैक मतलब उच्च या सम्माननीय भौय , कालान्तर में यौ एक जाति हैगइ। रावत, राना, नेगी मतलब लै उच्च या श्रेष्ठ हुं यौ लोग आपुं कैं चित्तौड़ गढ़ बै आई बतूनी। उपमन्यु गोत्र वाल उज्जैन बटि साबली (गढ़वाल), साबली बटि कुमाऊं में आईं। यौ लोग मनुराल, कालाकोटी, कत्यरी, नेगी, रौतेला, लाटवालल,खरकू, महरा आदि में ब्या करनी। गोत्रौक परहेज जरूर करनी।

बिष्ट नै कि उपजाति बोरा, दरम्बाल, सौन, गैड़ा, बिसरिया, खरकू, काथी, खंडी, उलसी, भिलौला ,चिलवाल, भैंसोड़ा, चम्याल, डहिला, बानी, धनियां, बगड़वा, में पायी जांनी ।
बिष्टनैकि कुमाऊं इतिहास मे भौत जबर्दस्त भागीदारी छू ।
कालाकाटी- यौ लोग मूलत: दानपुर में रूनी और अापुंण कुं सूर्यवंशी राजैकि सन्तान कूनी ।

कड़कोटी- मूलत: ककौलसौं मे रूनी सूर्यवंशी कई जानी ।

अन्य सूर्यवंशी राजपूत:
१- रैक्वाल- यौ राजा रैकामल्ल डो डोटी और सोर सीरा राज छी वीक सन्तान छन और वी तरफ पाई जानी ।

२- उदयपुराक मनुराल।

३- पड्यार- चौगर्खाक पड्यार भारद्वाज गोत्री छन। यौ आपुंण कैं डोटी मल्ल राजौक सन्तान बतूनी। गढ़वाल में पड्यार कई जानी, पर कुमाऊँ में बिष्ट कई जानी। जो चौगर्खाक पड्यार कोट में बसि ऊं पड्यार कई जांनी और जो इथकै उथकै बसी ऊं बिष्ट कई जानी। यौ लोग राजनाक सेना में सेनापति रई, जबरदस्त लड़ाकू हुनेर भाय, इतिहास में इनर नाम ऊं । यौं खेति करछीं पर हल नि बानेर भाय चाहै नौकरी चपरासि की कंरण पड़ौ के बात नि भैइ। पर कालान्तर में बहुत परिवर्तन ऐगो। यौं लोग मल्ला और तल्ला कत्यूर में ल लै रूनी।

४- ब्रह्म उर्फ बम- यौं सोराक पुरांण राजाक संन्तान छी अब इनौर बार में सुणंहु नि मिलन, कूनी सायद नैपाल मे छन।

५- कारकी- यौ लोग आंपंण कैं कत्यूरी राजाक समय में चित्तौड़गढ़ बटि आई बतूनी और वांक राजाक वंशज बतूनी। सूर्य वंशी राजपुत भाय।

(मदद -कुमाऊँ का इतिहास - कुमँ केशरी श्री बद्री दत्त पाण्डे )
बी० सी० पाण्डे ।


एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

  1. बिष्ट नाम की उतपति कया है बताए ये बगड़वा नाम दिया है इस लेख मे कया ये बिष्ट क्षरिय है बताए धनयवाद

    जवाब देंहटाएं