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गेठी या गींठी (Air potato)

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में गेठी(गींठी) का स्थान दिव्य अट्ठारह पौधों में दिया गया है।  Gethi or Air Potato is a common shurb fruit/vegetable in Kumaun

गेठी या गींठी (Air potato)

लेखक: शम्भू नौटियाल

गेठी(गींठी): वानस्पतिक नाम डायसकोरिया बल्वीफेरा’ (Dioscorea bulbifera):
प्रकृति ने उत्तराखंड को कुछ ऐसे अनमोल तोहफे दिए हैं, जिनमें अद्भुत गुणों की भरमार है। इस बीच हैरानी की बात तो ये भी है कि आधुनिकता की इस दौड़ में हम लगातार इन अनमोल संपदाओं को भूलते जा रहे हैं। आज हम पहाड़ में उगने वाली ऐसी ही एक कुदरती सब्जी की बात करेंगे जो हमारे शरीर में मौजूद पेट की बीमारी को पल भर में दूर सकती है। इस सब्जी का नाम है गेठी (गींठी) की सब्जी। इस कंद की सब्जी भी कहा जाता है। अपने आप में ये कई कुदरती खूबियों को समेटे हुए है। बताया जाता है कि इस सब्जी को दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में भी उगाया जाता है। खास बात ये भी है कि चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में गेठी (गींठी) का स्थान दिव्य अट्ठारह पौधों में दिया गया है।

संस्कृत भाषा में गेठी को ’वरही’ कहते है जिसका शाब्दिक अर्थ है ’सुअरों का प्रिय’, भारत के अन्य राज्यों में इसे yam या Air potato के नाम से भी जाना जाता है। भारत के हिमालयी क्षेत्रों में के पर्वतीय इलाकों में यह 1500 से 2200 मी0 की ऊचाई पर बहुतायत पाया जाता है। यह सब्जी लता पर उगती है। खाने में इसका टेस्ट गजब का होता है। यूं तो आमतौर पर ये सब्जी जंगलों में होती है। लेकिन कम कडुआ गेठी (गींठी) को कुछ जगहों में घरों में भी उगाया जाता है। इसका इस्तेमाल च्यवनप्राश में भी किया जाता है। पोषक तत्वों और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ये सब्जी कैंसर जैसी बीमारियों का भी इलाज है। जी हां वैज्ञानिक शोध कहता है कि एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर फल या सब्जियां खाने से कैंसर का काफी हद तक बचाव भी किया जा सकता है।

कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह माना गया है कि गेठी में Low Glycemic Index होने के कारण मधुमेह नियत्रण के साथ-साथ मोटापे की रोकथाम में भी सहायक होता है। गेठी में मुख्य रूप से Furanonorditepenes, Biosbulbin A-H घटक मौजूद होते है, जोकि ऐंटी ट्यूमर घटक होते है। इसके साथ ही गाठों में स्टेराॅइड पदार्थ पाया जाता है जोकि स्टेराॅइड हाॅर्मोन, Hormonal Conderaception और सेक्स हाॅर्मोन बनाने में प्रयोग किया जाता है। डायसकोरिया जाति में Diosgenin प्रचुर मात्रा में तथा Estrogen क्रियाओं से भरपूर होते है। निच्छादित Diosgenin व्यावसायिक रूप से Cortisone, Pregnenolone, Progesterone और अन्य स्टेराॅइड पदार्थ बनाने में प्रयुक्त होता है, जिससे इसकी बाजार माॅग व व्यवसायिक महत्व अत्यधिक बढ जाता है।

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में गेठी(गींठी) का स्थान दिव्य अट्ठारह पौधों में दिया गया है।  Gethi or Air Potato is a common shurb fruit/vegetable in Kumaun

पारम्परिक रूप से गेठी का पेस्ट सूजन, सांप के काटने पर बहुत उपयोगी होता है। गेठी स्वास्थय के लिए लाभकारी औषधी है इसके पोषक तत्व या खनिजों की उपलब्धता को देखें तो इसमें कार्बोहाइड्रेटस- 22.16%, प्रोटीन- 3.90%, फाइबर- 7.50%, सोडियम- 0.94%, मैग्नीशियम-0.98%, कैल्शियम-0.82%, पोटेशियम- 0.53%, फास्फोरस - 0.38% तक पाये जाते है। इसके पादप घटक Alkaloid, glycosides, steroids, flavonoids, pollyphenol, resin, Tannis है।  ये सारे पोषक तत्व शरीर के लिए बेहद ही फायदेमंद कहे जाते हैं। आलू प्रजाति के गेठी (गींठी) को पोटेटो याम के नाम से जाना जाता है। इसे कई बीमारियों में कारगर माना जाता है। इसके अलावा इस सब्जी में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो पेट के लिए बेहद ही फायदेमंद कहा जाता है। बवासीर के रोगियों के लिए ये सब्जी किसी वरदान से कम नहीं है।

चिकित्सकों के अनुसार बवासीर या फिर दस्त की बीमारी के दौरान ऐसे फल या सब्जियों का सेवन करना चाहिए, जिनमें फाइबर की प्रचुर मात्रा हो। इसके लिए गेठी (गींठी)एकदम सही विकल्प कहा जा सकता है। इसके अतिरिक्त यह जानना भी जरूरी है कि डाइसकोरिया बल्वीफेरा की जडें जहरीली होती है क्योंकि इनमें Cytotoxic प्रक्रिया होती है।  फ्लोरीडा में तो इसे हानिकारक नस्ल घोषित किया गया है, क्योंकि इसकी लतायें जालनुमा संरचना बना देती है, इसके अलावा कई जगह यह जहरीलें स्वभाव की भी होती है।

श्री शम्भू नौटियाल जी के फेसबुक पोस्ट से साभार
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