
काला भट्ट (Black Soyabean, Glycine Max)
लेखक: शम्भू नौटियाल
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों मे काला भट्ट (वानस्पतिक नामः ग्लाइसीन मैक्स) महत्वपूर्ण फसल मानी जाती थी। जो लेग्युमुनेसी कुल से संबधित है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में काला भट्ट की भारी डिमांड है। काला भट्ट में ओमेगा 3 फैटी एसिड अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी होता है। उत्तराखंड में इसकी परम्परागत खेती होती थी लेकिन आज के समय में यह बहुत कम हो गयी है। इसकी वजह सफेद सोयाबीन भट्ट को सरकारी स्तर से प्राप्त प्रोत्साहन भी है।

काला भट्ट में कैंसर, डायबिटीज तथा खांसी जैसी बीमारियों को रोकने के गुण हैं। पारंपरिक व्यंजनों में काले भट्ट की दाल को खूब पसंद किया जाता है। मार्केट में इसकी खास डिमांड है। काले भट्ट से चुड़कानी या चूंसा, रसभात, दाल, भट्ट के डूबके जैसे कई व्यंजन (recipe) बनाए जाते हैं। यही नहीं अब तो सोया सॉस, मोमो चंक, और न्यूट्रेला बनाने में भी इसका इस्तेमाल होने लगा है। इससे नमकीन भी बनती है।

इस गुणकारी भट्ट में प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। बाजार में ब्लैक सोयाबीन की कीमत करीब 170 रूपये से 200 रूपये प्रतिकिलो है। बहुत महत्वपूर्ण काले भट्ट की जैविक फसल द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर तलाशे जा सकते हैं।


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