
करौंदा (Carandas Plum)
लेखक: शम्भू नौटियाल
करौंदा का वानस्पतिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carrisa Carandas) है। यह एपोसायनेसी (Apocyanaceae) कुल के अंतर्गत आते हैं। यह समुद्र तल से लगभग 1900 मीटर तक की ऊॅचाई वाले स्थानों पर पाया जाता है। करौंदा के पेड़ पहाड़ी भागों में अधिक होते हैं। यह जंगलों, रास्तों के किनारे व खेत खलियानों के आस-पास कटींली झाड़ियों के रुप में प्रचुरता से उगता और भारत में राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हिमालय के क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके पेड़ 6 से 7 फुट ऊँचे होते हैं । यह दो प्रकार के पाए जाते हैं जिसमें एक में बड़े फल और दूसरे में छोटे फल लगते हैं ।

करोंदे के फलों में लोह तत्व और विटामिन सी प्रचुरता से पाया जाता है। पहले इस जंगली फल को लोग खूब आनंद से यूँही खाया करते थे लेकिन अब करौंदा सब्जी, चटनी, मुरब्बे और अचार के लिए भी प्रचलित हो चुका है। लेकिन इसके औषधीय व अन्य महत्व भी है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसमें टर्पिनोइड्स जो कि मुख्यतः सिस्क्यूटर्पीप्स होते है जैसे कि केरीसोन तथा करिन्डोन नये प्रकार के C31 टर्पिनोइड बताये गये है। इसके अलावा इसमें केरीसोल, लीनालूल, बीटा-केरियोफाइलीन, केरिसिक एसिड, यूर्सोलिक एसिड, केरीनोल, एसकोर्बिक एसिड, लूपिओल तथा बीटा सिटोस्टेरोल आदि पाये जाते है। वर्ष 2009 में ट्रोपिकल जर्नल ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च में प्रकाशित एक शोध के अनुसार करौंदे की जड़ का एथेनोलिक एक्सट्रेक्ट को अच्छा एंटी कन्वल्सेंट बताया गया है। इसके अलावा विभिन्न शोध पत्रों में इसे अच्छा एंटी माइक्रोबियल तथा एंटी बैक्टीरियल बताया गया है। करौंदा मोटापा, कैंसर, दाँत, सर्पदंश, हड्डियाँ मजबूत, मूत्र संक्रमण सहित 10 रोगों की लाजवाब औषधि है।

यह फल एंटीओक्सिदेंट्स का भी प्रमुख स्रोत होता है। खाने में खट्टे स्वाद वाला ये फल कई तरह के रोगों से लड़ने की भी शक्ति रखता है। जुकाम, खांसी, ब्लड प्रेशर जैसे रोगों से लड़ने की क्षमता रखने वाले फल के और भी कई ऐसे फायदे हैं जो हमारे स्वाथ्य के लिए जरुरी है। करौंदे के ऐसे ही कुछ लाभकारी गुण:-
1. जुकाम और बुखार की स्थति में करौंदे का सेवन दवा की तरह काम करता है। बुखार की स्थिति में करौंदे के जड़ में पानी मिलाकर लेप बनायें। इस लेप को रोगी पर लगाने से बुखार जल्दी उतरता है।
2. करौंदे में मौजूद कैल्सियम दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
3. इसके सेवन से चेहरे पर झुर्रियों का निर्माण भी कम हो जाता है या रुक जाता है।
4. करौंदे में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। इस वजह से करौंदा वजन कम करने में भी महतवपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. अगर आपके दांत सड़ रहे हों या मूह से दुर्गन्ध आती हो तो आप करौंदे का सेवन करें। इसके इस्तेमाल से दांतों की सदन और मूह की दुर्गन्ध से निजात पाया जा सकता है।

6. करौंदे में स्तन कैंसर से भी लड़ने की शक्ति है। इसके नियमति सेवन से स्तन कैंसर के होने की संभावनाएं न के बराबर हो जाती हैं।
7. उच्च रक्तचाप वाले मरीजों के लिए करौंदा एक चटपटे दवा की तरह काम करता है। इसके सेवन से रक्तचाप कम हो जाता है।
8. सर्पदंश की स्थिति में करौंदे के तने को पानी में उबालकर सांप काटे रोगी को पिलायें। ऐसा करने से सांप के जहर का असर कम हो जाता है।
9. करौंदे के फल से निर्मित चूर्ण एसिडिटी और खट्टी डकार की तकलीफ को दूर करता है। इस चूर्ण को खाने से भूख भी बढती है।
10.महिलाओं को होने वाले मूत्र संक्रमण में भी करौंदा बहुत लाभकारी होता है।
इसके अतिरिक्त इसकी निम्न विशेषताएं भी हैं-
* कच्चा करौंदा खट्टा और भारी होता है तथा यह प्यास को शांत करने में अति उत्तम है।
* करौंदे की तासीर गर्म होती है ।
* करौंदा खाने से पित्त नहीं होता है ।
* करौंदा वात, पित्त और कफ के दोषों को दूर करता है ।
* करौंदा पेट के दर्द को कम करता है और भूख को बढ़ाता है ।
* करौंदे में लौह तत्व तथा विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ।
* वैज्ञानिकों ने पाया है कि यूटीआई((यूनीरली टेक्ट इंफेक्शन) की समस्या वाले रोगियों को नियमित करौंदे
* कच्चा करौंदा खट्टा और भारी होता है तथा यह प्यास को शांत करने में अति उत्तम है।
* करौंदे की तासीर गर्म होती है ।
* करौंदा खाने से पित्त नहीं होता है ।
* करौंदा वात, पित्त और कफ के दोषों को दूर करता है ।
* करौंदा पेट के दर्द को कम करता है और भूख को बढ़ाता है ।
* करौंदे में लौह तत्व तथा विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ।
* वैज्ञानिकों ने पाया है कि यूटीआई((यूनीरली टेक्ट इंफेक्शन) की समस्या वाले रोगियों को नियमित करौंदे
का सेवन फायदेमंद रहता है। करौंदे के सेवन वालों में यह बीमारी कम पाई जाती है ।
* वैज्ञानिक ने माना है कि करौंदे का सेवन मूत्र नलिका के ऊतकों(टिश्यू) को जीवाणुओं से बचाता है ।
* करौंदा खाने या जूस पीने से यूटीआई संक्रमण में रामबाण औषधि की तरह है ।
* करौंदा का उपयोग यूनानी और आयुर्वेदिक दवाईयों के बनाने में किया जाता है ।
* कच्चे करौंदे का अचार बहुत अच्छा होता है ।
* करौंदे के फल के सेवन से मसूढ़ों से खून निकलना ठीक होता है, दाँत भी मजबूत होते हैं।
* करौंदे के सेवन से रक्त अल्पता में भी फायदा मिलता है।
* करौंदे, पत्ते और उनकी जड़ो के अर्स को वैद्य कई बीमारियों में औषधि के रुप में देते हैं।
* करौंदे के अधिक सेवन से रक्त-पित्त और कफ बढ़ता है। अत: इसके दोषों को दूर करने के लिए इसमें
* वैज्ञानिक ने माना है कि करौंदे का सेवन मूत्र नलिका के ऊतकों(टिश्यू) को जीवाणुओं से बचाता है ।
* करौंदा खाने या जूस पीने से यूटीआई संक्रमण में रामबाण औषधि की तरह है ।
* करौंदा का उपयोग यूनानी और आयुर्वेदिक दवाईयों के बनाने में किया जाता है ।
* कच्चे करौंदे का अचार बहुत अच्छा होता है ।
* करौंदे के फल के सेवन से मसूढ़ों से खून निकलना ठीक होता है, दाँत भी मजबूत होते हैं।
* करौंदे के सेवन से रक्त अल्पता में भी फायदा मिलता है।
* करौंदे, पत्ते और उनकी जड़ो के अर्स को वैद्य कई बीमारियों में औषधि के रुप में देते हैं।
* करौंदे के अधिक सेवन से रक्त-पित्त और कफ बढ़ता है। अत: इसके दोषों को दूर करने के लिए इसमें
नमक, मिर्च और मीठे पदार्थों से दूर किया जाता है ।
* यह एक अच्छा एपिटाइजर भी है जो कि भूख बढाने हेतु प्रयोग किया जाता है। करौंदा ठंडा तथा एसिडिक
* यह एक अच्छा एपिटाइजर भी है जो कि भूख बढाने हेतु प्रयोग किया जाता है। करौंदा ठंडा तथा एसिडिक
होने के कारण गले में खराश, मुंह के अल्सर तथा त्वचा रोग में भी प्रयुक्त किया जाता है।

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