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मुहावरे और लोकोक्तियाँ - कुमाऊँनी भाषा में (भाग-२०)

कुमाऊँनी भाषा के कुछ प्रचलित मुहावरे और लोकोक्तियाँ और हिंदी अर्थ Idioms and phrases Kumauni language and hindi meaning

कुमाऊँनी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ

यहाँ पर हम कुमाऊँनी की कुछ प्रचलित मुहावरों और लोकोक्तियों को उनके अर्थ के साथ जानने का प्रयास करेंगे:-

धणियाक गूदां में रै’क गूद जोड़नि
अर्थात
अत्यंत कंजूसी से धन संचय करने वाला व्यक्ति

धार में’क दिन, गाव में’क गास
अर्थात
जिसको होने से रोका ना जा सके

धान पधान, ग्यूं गुलाम, मडु राज
अर्थात
पहाड़ में मडुवा सबसे महत्वपूर्ण अनाज है
दूसरा अर्थ यह भी है कि स्थान के अनुसार व्यक्ति की उपयोगिता बदल सकती है

धार में जास दिन
अर्थात
वृद्धावस्था में जीवन का अन्तिम समय

धिनाई'क पहरु ढड़ु
अर्थात
चोर के ऊपर सुरक्षा ही जिम्मेदारी देना

धिनाई जै है जालि, माण में फाणि ल्यहुल
अर्थात
अगर वस्तु प्राप्त हो जाये तो उसके उपयोग का साधन भी मिल जाता है

धिनाई लै भाग में हैं
अर्थात
दुग्ध उत्पाद हर किसी को उपलब्ध नहीं होते हैं

धिनाई सुकि ग्ये, ठेकि में मुस भै रईं
अर्थात
वस्तु की आवश्यकता ना होने पर उसकी उपयोगिता समाप्त हो जाती है

उपरोक्त मुहावरों और लोकोक्तियों के सम्बन्ध में सभी पाठकों से उनके विचारो, सुझावों एवं टिप्पणियों का स्वागत है।

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