
कुमाऊँनी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ
यहाँ पर हम कुमाऊँनी की कुछ प्रचलित मुहावरों और लोकोक्तियों को उनके अर्थ के साथ जानने का प्रयास करेंगे:-
फ्यूंली'क फूल, भैंसौ'क गिच्च
अर्थात
आवश्यकता से बहुत कम प्राप्त होना
फ्योन जसि बासण रै
अर्थात
शोकपूर्ण कटु प्रलाप करना
फते नगारची
अर्थात
कामयाब या कुशल नगाड़ा (नंगर) बजाने वाला
फरफत्ते मेरि कुंडली कथें
अर्थात
किसी एक काम के लिए लगातार भटकते रहन
फाटो स्यूंणो, रूठो मणूनो
अर्थात
बिगड़ी बात या बिगड़े काम की बनाना पड़ता है
फ़ांकण बैठ्या माई को जार, बांटण बैठ्या चूलि को छार
अर्थात
खर्च करने पर सब कुछ समाप्त हो जाता है सही उपयोग हो तो राख को भी उपयोगी है
फांड फूटलौ तो करधनि क्या थामैलि
अर्थात
दुर्भाग्य में मित्र भी सहायक नहीं हो पाते
फुट ख्वर, ल्यो’क धार
अर्थात
भाग्य खराब होने पर और अधिक कष्ट होता है
फूटि ढोल
अर्थात
हमेशा कर्कश बोलने वाला व्यक्ति
फेचुवा की खेब, कूड़ि तक
अर्थात
किसी की भी पहुँच सीमित होती है (मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक)
उपरोक्त मुहावरों और लोकोक्तियों के सम्बन्ध में सभी पाठकों से उनके विचारो, सुझावों एवं टिप्पणियों का स्वागत है।
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