'

मुहावरे और लोकोक्तियाँ - कुमाऊँनी भाषा में (भाग-२५)

  कुमाऊँनी भाषा के कुछ प्रचलित मुहावरों और लोकोक्तियों के अर्थ Idioms and phrases of Kumauni language , Kumauni Muhavare aur Lokoktiyan

कुमाऊँनी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ (भाग-२५)

यहाँ पर हम कुमाऊँनी की कुछ प्रचलित मुहावरों और लोकोक्तियों को उनके अर्थ के साथ जानने का प्रयास करेंगे:-

भ्यार हूं ठौर नै, भीतेर भैटण हूं और नै
अर्थात
अत्यंत दयनीय स्थिति में भी दिखावा करना

भ्यैर गौं को भसाड़, जेठ ना असाड़
अर्थात
मूर्ख व्यक्ति की बेइज्जती करने से भी उसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता

भल कर, भल ह्वल, सौद कर, नाफ ह्वल
अर्थात
अच्छे कार्य और अच्छी नीयत से व्यापार करने से लाभ होता है

भल करि, ख्यड़ नी जान
अर्थात
किसी के प्रति की गयी भलाई कभी भी नष्ट नहीं होती

भल काम ऐब'न कै लै ढक दिनि
अर्थात
किसी मनुष्य के अच्छे काम से उसकी बुराईयाँ छुप जाती हैं

भल होलो कै भगा बुलै, भगा लै भद्रा में ताव लगै
अर्थात
कुशल व्यक्ति की जिम्मेदारी देने पर भी कार्यसिद्धि ना होना
भलि बात, सुनै कि रात
अर्थात
अच्छे प्रवचन जीवन के लिए बहुत लाभकारी होते हैं
भागि'क माल जावो, अभागि'क ज्यान जावो
अर्थात
भाग्यवान को धन-सम्पति की हानि होती है और दुर्भाग्यवान की जीवन की हानि होती है

भाट का बढ़्या, भीतेर हूँ लिंण गाड़या
अर्थात
एक निकृष्ट व्यक्ति अपना जीवन यापन निकृष्टतम तरीके से भी कर लेता है

भात खै बेर जात पूछण
अर्थात
दुर्घटना के बाद सतर्कता दिखाना

भीख में भीख दीणो, तीनों लोक जीत लीणो
अर्थात
दान में प्राप्त वास्तु को भी दान कर देना बहुत पुण्य का काम है

भीत ढोली, भीतेर हूँ
अर्थात
दुर्घटना होने पर भी अधिक हानि ना होन

भीं में आँख नि हुण या भीं में नि चाँण
अर्थात
अत्यधिक प्रफुल्लित होना या इतराना

भीम है महाभारत, स्वर्ग है लात
अर्थात
किसी व्यक्ति की सामर्थ्य के देखकर ही उससे बैर लेना चाहिए

भूक चांछ वल्ली गदनि, अघाण चांछ पल्ली गदनि
अर्थात
आवश्यकता और अवसर के अनुसार निर्णय लिया जाता है

भूख मीठी कि भोजन मीठा
अर्थात
भोजन का स्वाद व्यक्ति की भूख के साथ बढ़ जाता है

भूत पूजाई
अर्थात
अधकचरा काम करना या अधपका भोजन

भूतों कैं ल्याख, द्याप्तों कैं धांक
अर्थात
गलत व्यक्ति या परंपरा को बढ़ावा देना

भूल-चूक को भारद्वाज गोत्र
अर्थात
दुसरे की भूल-चूक को अनदेखा कर देना चाहिए

भूल बिसर, जाणो ईश्वर
अर्थात
अनजाने में की गयी गलती भगवान् ही जानता है

भेकुवौ'क कुल्याड़
अर्थात
बड़ा ही मूर्ख व्यक्ति या मुर्खतापूर्ण कार्य करना

भेकुवे की जांठि
अर्थात
एक अविश्वसनीय या संदिग्ध व्यक्ति

भैयों'क बाँट और हाथा'क रेखाड़
अर्थात
भाईयों का हिस्सा और हाथ की रेखाएं बदले नहीं जा सकते

भैंस मारि तोड़ो, कुड़ ढालि बोड़ो
अर्थात
कम लाभ के लिए अधिक की हानि करना

भैंसा'क सींग भैंस कैं भारि नि लागन
अर्थात
अपने परिवार और निकट सम्बन्धियों की सहायता में किसी को कष्ट महसूस नहीं होता

भौं तेरा भट्ट बुकाण, भौं तेरा हौव बाण
अर्थात
एक समय पर एक ही काम किया जा सकता है

भौंण ना भास्, जिया को उपवास
अर्थात
किसी भी प्रकार से सक्षम ना होना

उपरोक्त मुहावरों और लोकोक्तियों के सम्बन्ध में सभी पाठकों से उनके विचारो, सुझावों एवं टिप्पणियों का स्वागत है।

पिछला भाग-२४>>                                                                                                 <<अगला भाग-२६>>

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ