'

हमार म्हैण, ऋतु, त्यार-ब्यार, खान-पान

कुमाऊँनी लेख - हमार म्हैण, ऋतु, त्यार-ब्यार, खान-पान, article about Kumaoni festivals in summer and Kumaoni recipies

-:हमार म्हैण, ऋतु, त्यार-ब्यार, खान-पान:-

लेखिका: अरुण प्रभा पंत

हिंदू नववर्षौक पैल म्हैण चैत(चैत्र) हुं।
सबन है पैल्लीयो समझण आवश्यक छु कि हमौर देश भारताक सबै प्रांत,प्रदेशाक त्यौहार कृषि दगै जुड़ी छन।रोपाय बोवाय और फसलैक कटाय कं उत्सव रूप में मनूणैक प्रथाल हमार त्यारन कं जन्म दे।  फिर उमें धर्म अध्यात्मौक छौंक लै जब लाग गोय तो पुज पाठ युक्य यो त्यारन में इहलोक और परलोक लै शामिल है गोय।

जब तक हम आपण गौंन में रुछिंया तो ऐसिकै सब मिलजुल बेर आपण सबै त्यार मनूछी।  जब शनै शनै हम रोजि रोजगार में भ्यार गयां तो इनन में सुविधानुसार परिवर्तन आते गोय और कुछ त्यार यो आपाधापी में सूक्ष्म और तिरोहित लै होते ग्याय।  त्यारनैक विरासत हम आपण परिवार बै प्राप्त करनूं जब परिवार में बिखराव ऊं तो त्यारनैक रौनक परंपरागत ढंगैल मनूणैक प्रवृत्ति लै कम से कमतर होते जैं।

हमार हर त्यौहार में के काम चैन कसिक खाण चै और मौसमाक अनुसार आपण खाण पिणैक बात कयी जैं।हर बर्त तरलता में क्वे न क्वे पौराणिक काथ प्रचलित जनों हमन कं नैतिक शिक्षा और लोक व्यवहारैक हितकर संदेश दिनी।  हर उत्सव जो आपण में एक लोकपर्व लै हुं सब व्यस्त मैसनौक खुशी मनूणौक साधन लै है जां।

चलौ हम निम्नलिखित प्रकारैल इनार विषय में जांणनौक प्रयास करनूं:-
१. चैत्र, वैशाख (मार्च-अप्रैल, अप्रैल-मई)
-:बसंत ऋतु:-
यो म्हैण नवरात्र कलश स्थापन हर्याल ब्वैण और नौ दुर्गा पूजन व्रत और दशमी दिन परंपरागत खान-पान, पकवान और हर्याव पुजण काटण और गर्दन धरणौक रिवाज छु।
पुर नौर्तन में चण्डी पाठ फलारी बर्त करनी,कन्नि खऊनी, दानदक्षिण करनी,अषटमिक दिन हलु पुलिस पकूनी ,फिरदशमीदिनपु, सिंगल, पुरि रैत दाल-भात बड़ सबै कुछ बणुं।
चैताक म्हैणै संग्रांतिक दिन "फूल देती छम्मा देई" त्यार हुं तो दिन रत्तै नै ध्वे बेर देई फूल आकर्षण पिठ्या और फूलनैल पुजनी गौंपन घर घर जैबेर चेलि फूलनैल देई पुज करनी।  यो दिन बै चेलि बेटीन नौक भिटौलिक म्हैण शुरू है जां।
भिटौलि में चेलि बेटीन कं पकवान बताश, मिठ्ठै लुकुड़ डबल भेजिए जानि पुराण जमान में भाय आपण बैच या दिल कं भिटौलि दिण हुं जांछी,हर चेलि बेटि आपण मैतबे भिटौलि उणौक चाह धरनी।  हमार लोक वांग्मय में भिटौलि, भेटण पर गीद और किस्स काथ छन। शीतलाष्टमिक म्याल बर्त पुज लै कुछ लोग मनूनी।
बैशाखाक म्हैण अक्षय तृतिया पुजौक प्रावधान छु।  यो म्हैणेक मोहिनी एकादशिक लै बहुत महत्त्व छु।

२. ज्येष्ठ, आषाढ (मई-जून, जून-जुलाई)
-:ग्रीष्म ऋतु:-
यो म्हैण गंगा दशहरा दिन दरवारी पत्थर मुख्य द्वार में लगूनी जमें एक विशेष मंत्र लेखी हुं मान्यता छु कि उ मंत्रैल घरैक अति वृष्टि में रक्षि हैं।  यो दिन बामणन कं दान दक्षिणा दिनी कालमर्च और सौंफौक शरबत बणूनी और पिनी।  
निर्जला एकादशीलै यो म्हैण हुनेर भै। और वट सावित्री बर्त लै यो जेठाक म्हैणैक अमूशिक दिन मनूनी यो दिन सुहागिन शैणी फलार वाल बर्त करनी आपण दुल्हौक सुरक्षित दीर्घ जीवनाक लिजि ,बटौक बोटैक पुंज करनी,नाक नथ्थ और रंग्वालिक पिछौड़ पैर बेर।
क्रमशः (भाग-२ में)

मौलिक
अरुण प्रभा पंत, 18-08-2020

अगर आप कुमाउँनी भाषा के प्रेमी हैं तो अरुण प्रभा पंत के यु-ट्यूब चैनल को सब्सक्राईब करें

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ