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हिम तेन्दुआ (Uncia uncia)

हिम तेन्दुआ बिल्ली परिवार की एक लुप्तप्राय (Endangered) प्रजाति है, Snow Leopard is an endangered wild cat, Him Tenduva

हिम तेन्दुआ (Uncia uncia)

लेखक: शम्भू नौटियाल

स्नो लेपर्ड (Snow leopard): या हिम तेन्दुआ (Uncia uncia) एक Endangered प्रजाति है, यद्यपि हिम तेन्दुए के नाम में "तेन्दुआ" है लेकिन यह एक छोटे तेन्दुए के समान दिखता है और इनमें आपसी सम्बन्ध नहीं है।  घोस्ट ऑफ माउंटेन कहे जाने वाले हिम तेंदुओं का संरक्षण वर्तमान में बहुत जरूरी हो गया है। ऐसे में कुछ दिन पहले एक बहुत ही अच्छी खबर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से सामने आयी थी। वह यह है कि उत्तरकाशी जिले की भैरों घाटी में देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र बनने जा रहा है। 

उत्तराखंड राज्य में तकरीबन 86 हिंम तेंदुए मौजूद होने का अनुमान है। यह आंकड़े तमाम शोधों पर आधारित हैं।  वास्तविक आंकड़ें तो तभी सामने आ पाएंगे जब आने वाले समय में पुनः गणना होगी। गंगोत्री नेशनल पार्क में समय-समय पर जो फुटेज देखने को मिले हैं जिससे साफ पता चलता है कि गंगोत्री हिमालय में भी हिम तेंदुए विचरते है हालांकि उनकी काउंटिंग नही हुई है लेकिन हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र बन जाने से गंगोत्री हिमालय में भी इनकी संख्या का पता चल सकेगा।

हिम तेन्दुए अधिकांशतः रात्री में सक्रिय होते हैं।  ये अकेले रहने वाले जीव हैं।  लगभग 90-100 दिनों के गर्भाधान के बाद मादा 2-3 शावकों को जन्म देती है। यह बड़ी आकार की बिल्लियाँ है और लोग इनका शिकार इनके फर के लिए करते हैं।  हिम तेंदुआ भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत इसे प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा "लुप्तप्राय" (Endangered Animals) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।  अवैध शिकार और आवास के विनाश के कारण जानवर अपने अस्तित्व के लिए कई खतरों का सामना कर रहा है।
हिम तेन्दुआ बिल्ली परिवार की एक लुप्तप्राय (Endangered) प्रजाति है, Snow Leopard is an endangered wild cat, Him Tenduva

हिम तेंदुआ बर्फीले इलाकों में समुद्र तल से 3,350 से 6,700 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। यह 'बिग कैट' प्रजाति (जिसमें बाघ, सिंह, जगुआर एवं तेंदुआ आते हैं) के अन्य जीवों से आकार में कुछ छोटा होता है।  हिम तेन्दुए लगभग 1.4 मीटर लम्बे होते हैं और इनकी पूँछ 90-100 सेमी तक होती है। इनका भार 75 किलो तक हो सकता है।  मादा हिम तेंदुआ की लंबाई नर के मुकाबले कुछ कम होती है। सामान्यतः इसका वजन 55 किलोग्राम के तक होता है। 

इनका रंग हल्का भूरा होता है और वातावरण के अनुसार इनके खाल पर सलेटी और सफेद फर होता है और गहरे लाल रंग के धब्बे होते हैं और पूँछ पर धारियाँ बनीं होती हैं। इनका फर बहुत लम्बा और मोटा होता है जो इन्हे ऊँचे ठण्डे स्थानो पर भीषण सर्दी से बचा कर रखता है। इन तेन्दुओं के पैर भी बड़े और ऊनी होते हैं, ताकि हिम में चलना सहज हो सके। ये लगभग 15 मीटर की ऊँचाई तक उछल सकते हैं। ये बिल्ली-परिवार की एकमात्र प्रजाति है जो दहाड़ सकती है लेकिन घुरघुरा (बिल्ली के जैसी आवाज निकालना) नहीं सकती। 

गर्मियों में यह आम तौर पर पर्वतों के वन क्षेत्र एवं चट्टानी इलाकों में 2,700 से 6,000 मीटर की ऊंचाई पर रहता है, लेकिन सर्दियों में यह भोजन की तलाश में 1,200 से 2,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जंगलों में आ जाता है। यह उबड़-खाबड़ चट्टानी इलाकों में रहना पसंद करता है और 85 सेंटीमीटर बर्फ में भी आसानी से चल सकता है। हिम तेंदुए काफी हद तक एकाकी जीवन बिताते हैं। दुनिया भर में हिम तेंदुओं की अनुमानित आबादी करीब 4,510 से 7,350 के बीच है। भारत में 75,000 वर्ग किलोमीटर के दायरे में इसकी आबादी करीब 200 से 600 के बीच आंकी गई है।

 

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