रचनाकार: दीपक कोहली
ओ आमा- ओ बुबू
आओ खाला
हलू-पुरी
ऐड़ज्यू थान शेर चढ़ रौ
आओ..! जल्दी हो।
आओ खाला
हलू-पुरी
ऐड़ज्यू थान शेर चढ़ रौ
आओ..! जल्दी हो।
हलू-पुरी खाला
दायप्तों थान भोग लगे रौ
आओ हलू-पुरी खाला
घर पैश छू हो
ओ आमा… तुम लै आया
और बुबू कौ लै लाया
हलू-पुरी खै जाया।
दुई बात करला
चार फसक मारला
ओ आमा ओ बुबू
आओ हलु-पुरी खाला
चार अपण-चार उनर कौला
आओ हलू-पुरी खाला।
ओ आमा ओ बुबू
भोलै हमर घर में
पूज-पाठ छू हो।
जरूर आया हो
हलू-पुरी खाला
ओ आमा ओ बुबू।
दीपक कोहली
deepakkumarkohli123.com@gmail.com
1 टिप्पणियाँ
आयी लंबी हुछि तो बढ़िया लाग छि हो।
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