🌷पुजिगो उ नैन्ताल🌻
रचनाकार: प्रकाश पाण्डेय*🙏🌺पुजिगो उ नैन्ताल🌸✍️*
(एक नान् नान् यात्रा वृतांत )
नौ बाजि बाट् लागि हरद्वारौक मैंस,
पुजि गो उ आठ बाजिया नैन्ताल,
सुणी ल्हीयो मैं कुनूं सबूं थैं,
दगड़ियो कास् भईं वीका हाल!!
*दगड़ियो पुजिगो उ नैन्ताल*
मई आठ तारीख उज्याव हुण पारि,
भरखर घाम जै लागी छी,
एक जोड़ि लुकुड़ पैरीं आंग में,
द्वी बैगाक् भीतर धरी छी,
घच घच करनै रोडवेजकि गाड़ि में,
माठु माठ छी वीकी चाल *!दगड़ियो० !१!!*
द्वी गौं ज्योलिकोट बल्दिखान बटि,
लागण लागि सुर सुर पौन ,
रुड़ि में जब यों हाल छैं यां का,
कसिक काटिन होल् याँ ह्यौन,
सड़काक् द्वियै दान् गाड़िनल आटि छैं,
आब् उणि गाड़ि कथां अटाल *!दगड़ियो ०!२!!*
तलिताल डांठ मजि पुरि भैछ यात्रा,
देखीण लागी गो आब् ताल,
बुशर्ट पैंट लै थुर थुर कांपणईं,
आब् झन पुछिया वीका हाल!
कूलर ए सी को नौं झन ल्हीया,
है गईं जाड़ै लै हाल बेहाल *!दगड़ियो०!!३!!*
कभतै द्यो, डाव पड़ीं कभतै,
वीकें मौसमल भौतै डरायो,
पुरि बौइयां जब बनैन पेरि छ,
तब ताऽत आंग मजि आयो,
सोचण लागि आब् के धान् करनूं,
न्यौंत है गोछ् यो बबाल *!दगड़ियो ०!४!!*
धन्ना सेठ को बलराम हाउस,
खूबै आलीशान उ बणी छ!
हाइकोर्ट है लै मली जाण पड़ौल,
यस मैंसनाक मुखल सुणी छ,
तीन दिन चहल पहल में कटि गईं,
हरद्वार वापसी ग्याराक् ब्याल *! दगड़ियो०!५!!*
🙏प्रकाश पाण्डेय, कनखल, हरिद्वार, 14-05-2022🙏
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