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चेलि तू आँखै आँस छै

रचनाकार - सुन्दर कबडोला


चेलि तू आँखै आँस छै
लाँख कौशिश करल्यु त्वील भैरे उण
तू खुँश हौलि या तू दुख हौलि
“चेलि तू म्यर दाँर म्यर आँखै आँस”

तू ऐछि घर खुँश आँस बनि
तू जछि घर गँम आँस बनि
आँख पुँतै बँद करल्यु चेलि
तू पानी छै परघरक भाँन
तू दान छै म्यर आँखै आँस



तू आलि या तू जालि
म्यर आँख पुतैई धै भेटलि चेलि
म्यर चेलि म्यर आँखै आँस

जब तू हैसि हैसि म्यर मुख चालि चेलि
डब डब म्यर पलको मा तू हैसि हलि
जब त्यर मुखुडि मा दुख म्यर आँखो मा हौलि

त्यर चिन्ता ले उथल पुथल
त्वील भैरे उण म्यर आँखै आँस

खुशि दुख कि छै तू चेलि.. एक आँसू


लेख   - सुन्दर कबडोला ©copy right, All Rights Reserved
गलेई - बागेश्वर- उत्तँराखण्ड

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