रचनाकार - सुन्दर कबडोला
मँडुवा पिसै घँट बगँड
बिण पानी कै थँड रिगँल
माय लगै माय पिसै
माय लगालि जूँ डँगर
बिण पानी घँटवाड की
कै छू मोल… बोल बोल
माय उँगै ऐल-पेल
सिचै रँखै प्रीत ऐर
माय लगै मुलाँर औल
नि लगै हुलाँर जौल
बिण माया प्रीत की
कै छू मोल… बोल बोल
मँडुवा पिसै घँट बगँड
माय लगै दिल बगँड
ओरि-पोरि माया खोल
माया ब्वँज पौल्ट नै
साँचि प्रीत निशाँण नै
माया कि माँटि दाम
लिखि छू तेरो नाम
दिल मा प्रीत बुँज ले
दिल नहँरु माय दौडे
बिशै दियालि दिल बगँड
बिण पानी कै थँड रिगँल…..
लेख - सुन्दर कबडोला ©copy right, All Rights Reserved
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