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कैल कैल खै राखौ हो ह्यून में ह्यूं दगै गुड़?

कुमाऊँनी कविता- कैल कैल खै राखौ हो ह्यून में ह्यूं दगै गुड़ ? जैल नि खाइ न्है जाओ अलबेर ह्यून में आपुण कुड़। Kumaoni Poem who eat gud with snow

कैल कैल खै राखौ हो ह्यून में ह्यूं दगै गुड़?
रचनाकार:  रेणुका जोशी

कैल कैल खै राखौ हो
ह्यून में ह्यूं दगै गुड़ ?
जैल नि खाइ न्है जाओ अलबेर
ह्यून में आपुण कुड़।

पिज्जा बर्गर कं वैं खेडि़ बे
आंखोड़ खाया , दाडि़म खाया
चुरकाणि दगै झुंगरौ भात
लाई साग दगै मडुवा र्वाट खाया।

भांगौ लूंण, दै, मौ,
निमुवा दांणि बट्याया
घाम में भै बे
निमू सानि खाया।

बांजाक क्वैलूंक छार में
आलु , पिनालु , गेठि,भुटौ
सुद्द हौ , पांणि चैंछ त
आपुण पहाड़ हिटौ।


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