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राति ब्याँण स्वैण कूटाई


राति ब्याँण स्वैण कूटाई

रचनाकार - सुन्दर कबडोला

मुख सामणी
झँगड नि करणी
स्वैण ऐबेर
झाँकर उचैडणी
सवाल जवाब ना
किले पै किले पै
किले लगुछि
आपण समझि स्वैण मा उछि
म्यर मुनँई किले भटकछि
सीतण नि दिणि स्वैणू मा
वल फर्कुछि पल फर्कुछि
शुभग धान समजी
पै लिजाछि

अखौलि मुसोलि
दे दना दन म्यर मुनँई
इँखार लगाई दम मुसौई
शुभमा छिटि म्यर पराण
राति हुणि मा टेम ले बाकि
त्वील लगाई द्वार कुटाई
वल छलकाई पल छलकाई
खूटल मारी ईथा उथा
म्यर स्वैण हराई
त्यर घाण पुराई
राति ब्याँण स्वैण कूटाई

लेख   - सुन्दर कबडोला ©copy right, All Rights Reserved

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