सुनिए सुर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी जी के सुमधुर गीत
सुनें गोपाल बाबू गोस्वामी जी का
सुमधुर कुमाऊँनी गीत "मालुरा हरियालु डाना का पार"
हो मालुरा........, ओ मालुरा.....
मालुरा........., ओ मालुरा........
मालुरा हरियालु डाना का पार,
मालुरा हरियालु डाना का पार
मालुरा हरियालु डाना का पार
तिमूलि, बुरुंषी क्ये भलि फूलि रै छ
तिमूलि, बुरुंषी क्ये भलि फूलि रै छ
रंगीली पिछौड़ी धरति ढकि रै छ
रंगीली पिछौड़ी धरति ढकि रै छ
मालुरा कर ले तू सोला श्रृंगार
मालुरा कर ले तू सोला श्रृंगार
मालुरा हरियालु डाना का पार,
मालुरा हरियालु डाना का पार
रणमणि मुरूलि के भलि बाजि रै छ,
रणमणि मुरूलि के भलि बाजि रै छ
फुरि-फुरि बयाव हौंसिया बगि रै छ,
फुरि-फुरि बयावा हौंसिया बगि रै छ
ए जा वै हौंसिया डांना का पार,
ए जा वै हौंसिया डांना का पार
मालुरा कर ले तू सोला श्रंगार,
मालुरा कर ले तू सोला श्रंगार
मालुरा हरियालु डांना का पार,
मालुरा हरियालु डांना का पार
तिमूलि, बुरुंषी क्ये भलि फूलि रै छ
तिमूलि, बुरुंषी क्ये भलि फूलि रै छ
रंगीली पिछौड़ी धरति ढकि रै छ
रंगीली पिछौड़ी धरति ढकि रै छ
मालुरा कर ले तू सोला श्रृंगार
मालुरा कर ले तू सोला श्रृंगार
मालुरा हरियालि डाना का पार,
मालुरा हरियालि डाना का पार
ए जा सुवा एजा, रुपसि मेरि भै जा,
ए जा सुवा एजा, रुपसि मेरि भै जा
किलमौडि, करौंजा, काफले दाणि खैजा,
किलमौडि, करौंजा, काफले दाणि खैजा
ए जा वै हरियालु यो डांना का पार,
ए जा वै हरियालु यो डांना का पार
मालुरा कर ले तू सोला श्रंगार,
मालुरा कर ले तू सोला श्रंगार
मालुरा हरियालु डांना का पार,
मालुरा हरियालु डांना का पार
खित खित हँसिणी मुखड़ी तू दिखै जा,
खित खित हँसिणी मुखड़ी तू दिखै जा
बांजे डाई स्योआ हौंसिया मेरी आजा,
बांजे डाई स्योआ हौंसिया मेरी आजा
मालुरा जौवन छो दिन चार,
मालुरा यौवन यो दिन चार
मालुरा हरियालु डांना का पार,
मालुरा हरियालु डांना का पार
ए जा सुवा एजा, रुपसि मेरि भै जा,
ए जा सुवा एजा, रुपसि मेरि भै जा
किलमौडि, करौंजा, काफले दाणि खैजा,
किलमौडि, करौंजा, काफले दाणि खैजा
ए जा वै हरियालु यो डांना का पार,
ए जा वै हरियालु यो डांना का पार
मालुरा कर ले तू सोला श्रंगार,
मालुरा कर ले तू सोला श्रंगार
मालुरा..... ओ मालुरा....
मालुरा..... ओ मालुरा....
मालुरा....., मालुरा.......
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