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बलिदान - कुमाऊँनी कविता

रचनाकार:  रेणुका जोशी

बलिदान

टी वी चैनलों में हुसुक है रौ
वोटना लिजि नेता लै बोत्यूणेंई
चार दिनैकि हकाहाक छू
फिर सब्बै फैरांग है बे सेताल।

हमन कं निझरक कर बे जो
आपुणिं जान दि दीणेंई
अन्यार हैगो उनार घर ,
यौ को याद धराल?

सैंती पाली कदु भल यौ च्याल
देसा लिजी बलिदान
भल भल मर ग्याइ
कुकुरांक च्याल पधान।


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