पंचैत चुनाव और घनदाक भाग्य !
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आज फिर घनदाकि बाखई में रौनक ऐ गे ! घनदा फौन पारि बातों में लगे ठैरे ! भतेर टी वी फुल आवाज में चलण लै रौ ! अब आठ दस लोग इकट्ठ लै है गई । और घनदाल द्वी बन्डल बिड़ि एक सिगरटौक डाब दगै सलाई डाब लै टेबिले में धरवै है ! घनदा आजि लै फौन पारि बात्तै करण में छू ।
अच्छया तो औडर पक्के हैं ठिक छू पै ब्याखुलि बात करगें कैबेर घनदाल फौन काटि दी । और आपुँण द्वीय च्यलाँक बाद हई तेहरि तरफ मुस्कुरबै चहबै कौय ! सुँण चेलि एक कितलि में चहा उमाव !
तू चेलि जै हई म्यर भाग्य हई !
चेलि चहा बनाहैं गोठ हैं हैंसने गेई ! कि द्वीय मैंहेंण बै रोज ब्याव हैं दारू पी बेर बाबू मकणिं गाई हूतछी ! आज भगवानुँल जज सैपुँ कैं अक्कल दिबेर मेरि पत्ती धरि दे !
बधाई हो ! घनदा बधाई हो कनैं अब घनदाकैं गौंक मैसुल घेरि दी !
तल बाखई रमदाल घनदाकैं गौ पारि लगै बेर पुठ थपथपैबेर खूब बधाई दी ! और कौय ! अब बीड़ि सलाई व चाय से काम नि चलेगा घनदा !
बल ! " पाल्टी तो बनती ही है " !
कोर्ट का ओदश आ गया अब हमारे हक में कि तीन बच्चे वाले पंचायत चुनाव लड़गे करके ! अब तुम इसे संजीवनी समझो और क्षेत्र पंचायत का चक्कर छोड़ो और जिला पंचायत का फार्म भर दो !
हम सब तुमारे साथ हैं देखी जायेगी ! और जो तुम उस चनुवाँ को निर्विरोध ग्रामप्रधान बना रहे थे उसका भी चक्कर छोड़ो मैं लडूँगा अब सभापति का चुनाव !
घनदा जोरैल हैंसँण लाग ! और उँनुल कौय ! सुँण रमदा चुड़फुड़ाट नि पाड़ ! ठण्डे दिमाँग से सोचने दे ! हम चुनाँव जरूर लड़गें जीतंगे !
ये कोर्ट का आर्डर हमारे तुम्हारे फायदे लिए ही नहीं है ! बल्कि M L A व M P साहेबों को भी राहत देता है !
रमादाल पूछ वो कैसे !
घनदाल तुरन्त जबाब दी ! दो बच्चों वाले नियम में हम पंचायत चुनाव ही तो नहीं लड़ सकते थे ! २०२२ में M L A व २०२४ में M P का चुनाव लड़ लेते !
खैर छोड़ अब फैसला हमारे हक में है तो यहीं ताल ठोक देते हैं !
( लेख त्रिचम लेख ! ' त्रिचमालेख")
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आज फिर घनदाकि बाखई में रौनक ऐ गे ! घनदा फौन पारि बातों में लगे ठैरे ! भतेर टी वी फुल आवाज में चलण लै रौ ! अब आठ दस लोग इकट्ठ लै है गई । और घनदाल द्वी बन्डल बिड़ि एक सिगरटौक डाब दगै सलाई डाब लै टेबिले में धरवै है ! घनदा आजि लै फौन पारि बात्तै करण में छू ।
अच्छया तो औडर पक्के हैं ठिक छू पै ब्याखुलि बात करगें कैबेर घनदाल फौन काटि दी । और आपुँण द्वीय च्यलाँक बाद हई तेहरि तरफ मुस्कुरबै चहबै कौय ! सुँण चेलि एक कितलि में चहा उमाव !
तू चेलि जै हई म्यर भाग्य हई !
चेलि चहा बनाहैं गोठ हैं हैंसने गेई ! कि द्वीय मैंहेंण बै रोज ब्याव हैं दारू पी बेर बाबू मकणिं गाई हूतछी ! आज भगवानुँल जज सैपुँ कैं अक्कल दिबेर मेरि पत्ती धरि दे !
बधाई हो ! घनदा बधाई हो कनैं अब घनदाकैं गौंक मैसुल घेरि दी !
तल बाखई रमदाल घनदाकैं गौ पारि लगै बेर पुठ थपथपैबेर खूब बधाई दी ! और कौय ! अब बीड़ि सलाई व चाय से काम नि चलेगा घनदा !
बल ! " पाल्टी तो बनती ही है " !
कोर्ट का ओदश आ गया अब हमारे हक में कि तीन बच्चे वाले पंचायत चुनाव लड़गे करके ! अब तुम इसे संजीवनी समझो और क्षेत्र पंचायत का चक्कर छोड़ो और जिला पंचायत का फार्म भर दो !
हम सब तुमारे साथ हैं देखी जायेगी ! और जो तुम उस चनुवाँ को निर्विरोध ग्रामप्रधान बना रहे थे उसका भी चक्कर छोड़ो मैं लडूँगा अब सभापति का चुनाव !
घनदा जोरैल हैंसँण लाग ! और उँनुल कौय ! सुँण रमदा चुड़फुड़ाट नि पाड़ ! ठण्डे दिमाँग से सोचने दे ! हम चुनाँव जरूर लड़गें जीतंगे !
ये कोर्ट का आर्डर हमारे तुम्हारे फायदे लिए ही नहीं है ! बल्कि M L A व M P साहेबों को भी राहत देता है !
रमादाल पूछ वो कैसे !
घनदाल तुरन्त जबाब दी ! दो बच्चों वाले नियम में हम पंचायत चुनाव ही तो नहीं लड़ सकते थे ! २०२२ में M L A व २०२४ में M P का चुनाव लड़ लेते !
खैर छोड़ अब फैसला हमारे हक में है तो यहीं ताल ठोक देते हैं !
( लेख त्रिचम लेख ! ' त्रिचमालेख")
त्रिभुवन चन्द्र मठपाल के बारे में जानने के लिए उनके फ़ेसबुक प्रोफ़ाईल पर जा सकते हैं
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