जैसा कि हम सभी जानते हैं कि श्री शंकर जोशी जी कुमाऊँनी भाषा के जाने माने लोककवि व व्यंग्यकार हैं। उनकी हास्य/व्यंग्य रचना "पनुंवा" ने जोशी जी को कुमाउनी कवि के रूप में एक अलग पहचान दी है। यहां तक कि लोग उनको पनुंवा के नाम से ही जानने लगे हैं और इसे स्वीकार करते हुये अब जोशी जी ने भी अपने नाम में पनुंवा जोड़ लिया है।
यहां प्रस्तुत है शंकर जोशी जी की एक गम्भीर कविता "सीख.....", जिसमें व्यंग्य तो विद्यमान है पर यह उनकी अन्य कविताओं से थोड़ा अलग अंदाज में है। प्रस्तुत है इस कुमाऊँनी कविता की पंक्तियां जोशी जी के स्वर में:-
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