
1950 के दसक में चिट्ठी पत्री का एक नमूनापेश है।
यादें ताजी करने के लिए.....हा हा हा (जोगा सिंह कैड़ा )
तिथि 2 अगस्त 1956 स्थान सेलापार।अल्मोडा ।
स्वस्ति श्री सर्वोपमायोग्य परम पूजनीय पूज्य श्री चाचा जी सादर चरन स्पर्श पैलागुन।परम पूज्य आमाँजी की तरफ से शुभ आशीष।
गाँव पड़ोसक सयाड़आक तरफबटिक ले शुभ आशीष।
हमरि कुशोबात सब ठीक छू, तुम आपण ख्याल धरिया तब हमरि पालना हलि।
य गोपियक परुवाक रामियक तरफ बाटिक चरण स्पर्श प्रणाम कबूल करिया।
यो नानी काखी ले पैलाक कुरेछ।
बचुली बुवा कुरेछ राखी तक मी यति छन।
तुम चिठ्ठी पत्र नि दियुराया के गलती है गे।
आमाँजी कुरी आब आखले खराब है गिन्न।
खर्च पाड़ी भेजी दिया। थोडा लेखण भौत समझण।
चाचु कलमेकी गलती माफ़ करिया। यो काखी कुरेछ घर कधिन आला।
चिठ्ठी क जुबाब तार समझी बैर दिया।
चिट्ठी देने वाली आप की इज्जा लिखने वाला चनुवा।

जोगा सिंह कैड़ा
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