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पहाड़े याद

 
जोगा सिंह कैड़ा












पहाड़े याद

पहाड़े याद, बाते बात
चाहा घुटुक
दूध भात
न्योत पाट
दै ठेकि हात
दातुल ज्योड़, दौड़ा दौड़
जागेर लगूँण
बानर हकूण

सेक लागण, आग तापण
कंकड़ तोड़
सड़का मोड़
ह्यूनक पाव्, रूडी हाव्
अल्ले हुलार
अल्ले उकाव
सड़का फेर
बाड़ घेर


तामे गागर, दामू नागर
घट जानर
गुणि बानर
टिक पिठ्या
नाके नथ, आम बुबुक
आण काथ
डान कान,
ग्ध्यार गाड़
रंगील मैस
पहाड़े पछ्याण।

फूलदे छापड़
खतड़ूव काकड़
घुघूती माव
बसंतपंचिमी जौ, सौणों हर्याव
बग्वाई च्यूड़
चैतो आव
घित्यारो घ्यूँ
और आब के कूं।।

जोगा सिंह कैड़ा

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