'

उपमा अलंकार की महिमा

 
जोगा सिंह कैड़ा












उपमा अलंकार की महिमा


बलाण में गूड़ जसी
ठंडी हवा रुड़ जसी
पिपलैकि छाया जसी
हिरद की माया जसी।1।

आँख की तारी जसी
कन्या कुमारी जसी
प्योली की फूल जसी
अक्ले की मूल जसी।2।

मंद मंद चंठ जसी
कोयलेकि कंठ जसी
मुखड़े की जून जसी
देखिणे की चुन जसी।3।

ह्योने की घाम जसी
पाकिया आम जसी
ठुल घरे चेली जसी
सुनें की बेली जसी।4।

फुले की डाई जसी
ज्ञान गुरु माई जसी
चाल गज राज जसी
कमर बन राज जसी।5।

पाकिया अनार जसी
कौणीं की बाल जसी
कैड़ा फूुल बुरुस जसी
जिंदगी की सांस जसी।6।

दिलेकी सागर जसी
पाणि की गागर जसी
सती सावित्री जसी
धरमें पवित्री जसी।7।

लक्ष्मीक सार जसी
बीणा की तार जसी
इजे की पुकार जसी
ठंडी हवा धार जसी।8।

अकाशकी तार जसी
सालकी त्यौहार जसी
म्हेंण में कुंवार जसी
दिनों में इतवार जसी। 9।

जोगा सिंह कैड़ा

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ