
अरे ओ कलुवा च्याला य तिकें के है गो।
खैनी पान गुटका दारू तेरै लिजी रै गो।
अरे च्याला किले यो त्यर जैजाण ऐ गो ।
कदु भल छिये सयाण हेबे तिकें के हैगो।
छोड़ दे च्याला आब तू नाना वाल है गिछे।
य बुढियाकाल मि हैं आब के के कर कुछे।
आपण नान्तिनाकें कसिक पावले यसिक।
चौबीस घंट किलै ब्वारिक पिछ पड़ि रूछे।
पढाई लिखायमें तू कदुक नाम कमुछिये।
कैकि नजर लागि च्याला हमरि मौ परि।
तू बुरि संगती में कैल यसिक पाड़ि दीये।
च्याला आई लै समय छू समय जा भागी।
देख आज कदुक शराब पी बे मरि जारीं।
हरिं भरी परिवार में नान्तिनाकें छोड़ि बे।
घरमें सबोंक कसि डड़ा डाड़ पाड़ि जारीं।
भलि रतिमती कर भागी तबे हुनखान हले
हम लै खुशी रौंल तूलै सुख-सुख्यारि रले।
जोगा सिंह कैड़ा

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