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गुडैक कटकी चहा गिलास


--गुडैक कटकी चहा गिलास--
 (रचनाकार देवेन्द्र सती)

आज फिर याद ऐगौ
गुड़क कटकी चहा गिलास
ऱाति पारि उठनि उ चडा़क आवाज
वन बै उनी घस्यारियोंक आवाज

आज फिर________________


चैलि ब्वारियोंक लागिरै आस
सास द् येली गुडैक कटकी चहा गिलास
खेत गोडिं धानुक सार
हे दीदी हे ब्वारी अलै मगानू

गुडैक कटकी चहा गिलास


 
कविता: देव सती, 
चौबटियक थोड़ तलि बटि,पपनैपुरी पाखुडा़

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